ग़ज़ब का रिश्वतख़ोर निकला, टीकाधारी शिक्षाधिकारी ‘रजनीकान्त प्रवीण’!

शिक्षा का देश मे जिस तरह से पतन हो रहा है, वह किसी से छिपा नहीँ है। अधिकतर बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर उच्चस्तरीय शिक्षा अधिकारी तक हर स्तर पर महाभ्रष्ट दिख रहे हैँ।

यहाँ ऊपर जो व्यक्ति दिख रहा है, वह बिहार राज्य के बेतिया जनपद मे डी० ई० ओ० (जिला शिक्षा अधिकारी), बेतिया, पश्चिमी चम्पारण है। वह पैँतालीसवेँ बैच का अधिकारी है। उसका नाम रजनीकान्त प्रवीण बताया गया है। उसकी नियुक्ति वर्ष २००५ मे की गयी थी; तब से लेकर अब तक उसने दरभंगा, समस्तीपुर तथा बिहार के अन्य जिलोँ मे शिक्षा अधिकारी के रूप मे कार्य किये हैँ। इसप्रकार उसकी कुल सेवावधि १९ से २० वर्ष की है। रजनीकान्त प्रवीण की पत्नी सुषमा कुमारी संविदा-आधारित एक शिक्षिका थी, जिसने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। अब वही महिला ओपेन माइण्ड बिरला स्कूल की स्वामिनी/निदेशिका के रूप मे उस विद्यालय का संचालन कर रही है, जिसका निर्माण और संचालन उसके पति रजनीकान्त प्रवीण की अवैध धनराशि की जा रही है। उसके बेतिया, सरिसवा रोड-स्थित किराये के घर एवं एन० एच० ७२७ मे यामहा शोरूम के समीप एक निजी न्यास (ट्रस्ट)-कार्यालय मे छापेमारी की गयी थी। उसने अपने बीसवर्षीय सेवाकाल मे अपनी प्रवीणता का सुपरिचय देते हुए, करोड़ोँ की अवैध धनराशि की कमाई की है। अनेक शिक्षक-संघटन की ओर से भी आय से अधिक सम्पत्ति के प्रकरण मे उसपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये थे। जब विशेष निगरानी इकाई ने पिछले २३ जनवरी को छापेमारी की थी तब उसके परिवार के सदस्यासदस्योँ के नाम पर पटना, दरभंगा, मधुबनी तथा मुजफ़्फ़रपुर मे भूभाग और फ्लैट पाये गये थे, जिनका मूल्य २ करोड़ ९२ लाख ९२ हज़ार २ सौ २५ रुपये बताये जाते हैँ, जो पूरी तरह से अवैध हैँ। घर के बिस्तरोँ एवं अन्य स्थलोँ से इतनी अधिक संख्या मे रुपये बरामद किये गये थे कि उसकी गणना करने के लिए मशीन मँगायी गयी थी।

जिस समय छापेमारी की गयी थी उस समय आरोपित टीकाधारी अधिकारी पूजा कर रहा था। उसके ससुराल मे भी छापेमारी की गयी है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २४ जनवरी, २०२५ ईसवी।)