● एक करोड़ 12 लाख की मोक्षधाम अझुवा की विकास योजना मे लगा जिम्मेदारों का ग्रहण।
अझुवा/कौशांबी : कौशांबी जिले की अझुवा नगर पंचायत के वार्ड नं 04 मढ़ियामई स्थित मोक्षधाम के विकास के लिए उ.प्र. सरकार के नगर विकास विभाग ने सात वर्ष पहले शहरी क्षेत्रों मे अंत्येष्टि स्थलों का विकास योजना के अंतर्गत 1.12 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए पहली किश्त 19 लाख रुपये अवमुक्त की।
इसके बाद शेष धनराशि को भी 37 लाख एवं 56 लाख रुपये की अगली किश्तों मे अवमुक्त किया। बावुजूद इसके तत्कालीन चेयरमैन व ई.ओ. की मिलीभगत से योजना मे घोटाला करके सरकारी धन डकारने की नीयत से नगर विकास विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने करीबी नामित सभासद के परिजन की फर्म सहित इलाहाबाद की एक फर्म को ठेका थमा दिया। विकास की कार्ययोजना के अनुरूप अंत्येष्टि स्थल की बाउंड्रीवाल, पांच नग अंत्येष्टि स्थल चबूतरे, पूरे ग्राउंड मे इंटरलाकिंग, टीन शेड प्रतीक्षालय, बरामदे, बाथरूम, लकड़ी विक्रय कक्ष, बेंचों का निर्माण, गेट, 05 नग 30 मीटर सोलर हाईमास्ट, 15 नग 20 वाट सोलर स्ट्रीट लाइट, 01 नग इलेक्ट्रिक हाईमास्ट की स्थापना आदि का कार्य होना था। मोक्षधाम अझुवा मे इस विकास योजना से पूर्व दो नग बरामदा युक्त अंत्येष्टि चबूतरा, एक बिना बरामदा अंत्येष्टि चबूतरा, एक लिंटल युक्त बरामदा, कुछ भाग पर बाउंड्रीवाल व निकास पर द्वार आदि का निर्माण नगर के समाजसेवियों ने पहले से ही करा रखा था। बावुजूद इसके भारी कमीशनबाजी के चलते घटिया स्तर का कार्य कराया गया और पहले से जर्जर बाउंड्रीवाल तक को दुरुस्त नहीं कराया गया। जिससे पुरानी बाउंड्रीवाल का कुछ हिस्सा कुछ ही महीनों मे जमींदोज हो गया एवं सही रखरखाव व देखरेख न होने से स्थापना के महज दो तीन महीने के भीतर ही प्रकाश संबंधी सभी सोलर उपकरण धीरे-धीरे चोरों ने पार कर लिया, जिसका संज्ञान लेना भी नगर पंचायत के जिम्मेदारों ने मुनासिब नही समझा।
करीब पांच साल से ऊपर से मोक्षधाम अझुवा मे प्रकाश संबंधी उपकरणों के सिर्फ पोल खड़े हैं। इलेक्ट्रिक हाईमास्ट भी कभी नही जलता है। नगर के लोगों का तो नाम न छापने की शर्त पर यहां तक कहना है कि जिम्मेदारों ने ही कई उपकरणों को खुलवाकर अन्य योजनाओं मे प्रयुक्त करवा लिया। खराब गुणवत्ता के निर्माण कार्य व रखरखाव सही न होने के कारण अराजकतत्वों ने बाथरूम व कुछ बेंचों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया साथ ही मोक्षधाम का गेट उखाड़ दिया जिसे जिम्मेदारों ने वर्षों पहले वहां से हटवाकर कहीं और रखा दिया। आज तक उसे फिर से लगवाने की जहमत तक नही उठा सके। पुरानी बाउंड्रीवाल का कुछ हिस्सा आज भी ध्वस्त पड़ा है। मोक्षधाम रात की तरह अंधकार मे डूबा हुआ है। गेट मौके पर नही है। बाथरूम पूरी तरह ध्वस्त है एवं प्रकाश संबंधी उपकरणों के पोल अपनी दुर्दशा की कहानी स्वयं व्यक्त कर रहे हैं।
जब इस संबंध मे नगर के लोगों ने जिम्मेदारों की कारगुजारियों पर कार्रवाई हेतु कई वर्ष पहले से शासन से शिकायतें करना शुरू किए तो तत्कालीन ई.ओ.ने अपने बचाव मे मोक्षधाम से चोरी हुए उपकरणों की एफ.आई.आर. सैनी थाने मे दर्ज करवाई और इस मामले मे अज्ञात चोरों का खुलासा आज तक नही हो सका।
सवाल यह भी उठता है कि नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों की विकास योजना मे पलीता लगाने वाले जिम्मेदारों का बचाव क्या गुलाबी नोटों की हनक पर किया गया? आखिर अपनी लूट-खसोट के लिए जनता की सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपये की विकास योजना पर पलीता लगाने वाले लोगों पर सरकार कार्यवाही कब करेगी और मानक के अनुरूप मोक्षधाम का विकास कर उसका सही रखरखाव कब किया जाएगा? यह सवाल नगरवासियों के मन मे जरूर है।
क्षेत्रीय लोगों ने मोक्षधाम अझुवा के विकास मे ग्रहण लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई करते हुए उसे योजना के अनुरुप दुरुस्त कराने की मांग नए कलेवर वाली योगी सरकार से की है।