बेहंदर और कछौना के किसी भी महाविद्यालय में यूजीसी के मानकानुसार शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है । बिना डिग्री वाले डिग्री कॉलेज में अध्यापन कर रहे हैं । समय-समय पर विश्वविद्यालय द्वारा की जाने वाली जाँचों में किसी को यह दिखता नहीं है । प्रतिष्ठित एनजीओ ह्यूमन वेलफेयर सोसाइटी के सर्वे के अनुसार जनपद हरदोई के 80 फीसदी महाविद्यालयों में कक्षाओं का संचालन ही नहीं होता और घोस्ट प्रिन्सिपल व टीचर संस्थाएं चला रहे हैं । महाविद्यालयों में घुटनों तक बढ़ी हुई घास नकली परीक्षा के सीजन की रौनक की सच्चाई और कानपुर विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार की सहज बानगी है । कमोबेश हर संस्था का यही हाल है । दावों के उलट यह सरकार भी शैक्षिक भ्रष्टाचार का पोषण कर अपना व अपनों का भला कर रही है ।
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