नर्स ने प्रसूता से प्रसव कराने के लिए मांगी पाँच हजार रूपए की रिश्वत

  • नर्स ने प्रसूता से प्रसव कराने के लिए मांगी पांच हजार रूपए की रिश्वत,
  • नहीं देने पर किया जिला अस्पताल रिफर,
  • जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ
  • आखिर रिश्वतखोरी पर कब लगेगी लगाम ?

कैमरा मैन अरविंद केसरवानी के साथ मसुरिया दीन मौर्य की रिपोर्ट

कौशाम्बी : योगी सरकार की महत्त्वाकांक्षी जननी सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को प्रसव व स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गये हैैं। लेकिन पीएचसी नगर पंचायत अजुहा में तैनात नर्स की मनमानी व कमीशन खोरी के चलते प्रसूताओं से शारीरिक तथा मानसिक उत्पीड़न के साथ साथ खुलेआम रिश्वत की मांग की जाती है।

प्रसूता के रिश्वत नहीं देने पर प्राइवेट अस्पताल भेजने की बात कही जाती है। जहां मोटा कमीशन मिलने पर अस्पताल के अधीक्षक डाक्टर,स्टाफ नर्स, नर्स व आशा बहुओं के साथ बांट लिया जाता है। या तो गरीब प्रसूता को बिना उपचार किए कहा जाता है कि जिला अस्पताल ले जाओ।

प्रसूता सरिता देवी पत्नी नथन लाल निवासी ग्रामसभा कानेमई ने आरोप लगाया कि 12 सितंबर शनिवार की शाम प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अजुहा में भर्ती करा दिया। अस्पताल में तैनात नर्स पूर्णिमा ने प्रसव कराने के नाम पर पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी। रिश्वत नहीं मिलने पर नर्स ने कहा कि तुम्हारा बच्चा उल्टा हो गया है। तुरंत अस्पताल ले जाना पड़ेगा। यहां प्रसव की सुविधा नहीं है।

प्रसूता के परिजनों ने आनन फानन जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दस मिनट में ही नार्मल प्रसव हो गया। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हो कर अपने घर आ गए। डाक्टर को धरती में भगवान के रूप में आम जनता मानती है। सरकारी वेतन मिलने के बावजूद अस्पताल में तैनात डाक्टर, स्टाफ नर्स मरीजों से रिश्वत मांगते हैं। गरीब जनता का आर्थिक शोषण अस्पताल कर्मचारी कर रहे हैं। लोगों ने मनमानी पर लगाम लगाने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी कौशाम्बी से मांग की है।