● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
“यहां #Modi वहां #Modiवहाँ मोदी जहां देखो #Modi.. लेकिन ये क्या?? हर #Modi के आगे #Bhrshtachaar सरनेम लगा हुआ है.. तो बात को ना समझो.. #Modi का मतलब #Bhrshtachaar.. चलिए #Modi का मतलब भ्रष्टाचार कर देते हैं.. ये ज्यादा बेहतर है.. #Nirav #Lalit #Namo= भ्रष्टाचार”
वर्ष २०१८ मे ख़ुशबू सुन्दर नामक महिला ‘भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस’ की प्रवक्त्री होती थी। वह दक्षिण-भारत की एक अभिनेत्री भी रही है। उसने उन दिनो ‘भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस’ के प्रवक्त्री के रूप मे ‘मोदी-विषयक’ उपर्युक्त ट्वीट किया था। उसने वर्ष २०२० मे भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था।
अब उसी महिला को ‘राष्ट्रीय महिला आयोग’ का सदस्य और भारतीय जनता पार्टी की कार्यकारिणी समिति का सदस्य बना दिया गया है तथा वह राज्यमन्त्रि-स्तर की नेता भी बना दी गयी है।
प्रश्न है, उक्त महिला को अभी तक हटाया क्यों नहीं गया? उस पर मुक़द्दमा क्यों नहीं चलाया गया था?
ऐसे मे, राहुल गांधी के विरुद्ध कराये गये एकपक्षीय दण्डात्मक कार्यवाही पर सीधा प्रश्न उठ खड़ा होता है― ख़ुशबू सुन्दर को क्यों बख़्शा गया है?
(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २५ मार्च, २०२३ ईसवी।)
चित्र-विवरण― ख़ुशबू सुन्दर