आज 100 वीं व 101 वीं लावारिस लाश के वारिस बने राजवर्धन

हरदोई

” दिल वो दिल है जो औरों को अपनी धड़कन देता है,
जीना उसका जीना है जो औरों को जीवन देता है ।”

जी हां, एक पुरानी फिल्म के एक गीत की ये चंद पंक्तियां पेशे से एडवोकेट और समाजसेवी राजवर्धन सिंह ‘राजू’ पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं । सामाजिक कार्यों में पिछले काफी समय से रत राजवर्धन ने अपनी इसी नेक मुहिम को जारी रखते हुए आज बघौली और शहर कोतवाली से प्राप्त दो लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार शहर के ‘मुक्तिधाम’ पर करवाया।

उन्होंने IV24 को बताया कि ऐसे कार्य करने से उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है और ऐसे कार्य वह आगे भी जारी रखेंगे ।


रिपोर्ट – शिव यादव ( ✍ रिपोर्टर ~ इंडियनवाइस24)