● राइस मिलर्स व सचिव के मजबूत गठजोड़ के चलते किसान दर-दर भटकने को विवश ।
कछौना (हरदोई):– वर्तमान समय में किसानों की मक्का व धान की फसल कटकर आ गई है परंतु सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर मक्का व धान की बिक्री ना होने के कारण किसान परेशान हैं।
कछौना क्षेत्र में मक्का व धान के लिए क्रय केंद्र ना होने के कारण अपनी उपज का मूल्य ना मिल पाने के कारण किसान बाजार में मक्का व धान ₹1100 से लेकर ₹1200 में बेचने को विवश हैं। बाजार की हालत खराब होने के बाद से किसान खासे परेशान हैं। किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए भाजपा के मंडल अध्यक्ष नवीन पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है। मक्का व धान की फसल का बाजार भाव काफी कम है जिससे किसान की लागत भी नहीं निकल रही है। सूत्रों की माने तो धान क्रय केंद्रों पर राइस मिलर्स व सचिव का मतलब मजबूत गठजोड़ है। क्रय केंद्रों पर सचिव नदारद रहते हैं। राइस मिलर अपने चहेते किसानों के अभिलेखों पर फर्जी खरीद का लक्ष्य पूरा कर रहे हैं। पात्र किसान दर-दर भटकने को विवश हैं।
सरकार किसानों की फसल की खरीद न्यूनतम मूल्य पर(एमएसपी) खरीदने को ढिंढोरा पीटती है। पूर्ववर्ती सरकार की तरह यह सरकार भी धान व मक्का एमएसपी पर खरीदने में सक्षम नहीं है। पूरी बालामऊ विधानसभा के मात्र एक धान क्रय केंद्र बेरुआ में है जहां पर हमेशा ताला लटका रहता है। तहसील से काफी दूर व ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण किसानों की शिकायत पर अधिकारी नहीं पहुंच पाते हैं। जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का ढिंढोरा पीट रही है। किसान हमेशा छला जाता है। किसान भी अपने हक के लिए संजीदा नहीं है। किसान संगठन भी किसानों के नाम पर केवल फर्जी राजनीति करते हैं। मंडल अध्यक्ष के पत्र से किसानों में उम्मीद की किरण जगी है, शायद किसानों को कुछ तो फायदा मिल सके।
ख़बरनवीस :- पी.डी. गुप्ता