गाय और गोवंश को लेकर इस समय पूरा भारत ही मुखर है । आए दिन गाय माता को लेकर कोी न कोई अप्रिय घटना जानकर न जाने कितने लोगों का मन खिन्न हो जाता होगा । गाय भारत की असाधारणता का एक रूप ही है । गाय द्वारा समाज को पंचगव्य जैसी दिव्य ओषधि का दिया जाना इसी का प्रमाम है । गाय के हितैषी या तो कागजों पर या फिर बड़ी – बड़ी बातें करने वालों में मिल जाएंगे । जमीनी स्तर पर गो सेवक और गोरक्षक नदारद हैं । पिछले कई दिनों से लखनऊ – हरदोई राज्य मार्ग पर फैक्ट्री क्षेत्र में बीच सड़क पर दो गोवंश के शव पड़े हैं । ये शव आधे सड़ चुके हैं । सड़न के चलते बदबू मार्ग पर यात्रियों का निकलना दूभर किए है । सण्डीला और बालामऊ दोनों ही विधान सभा में भाजपा के विधायक हैं । दोनों ही क्षेत्रों में दर्जनों कथित गो सेवक हैं । गोवंश के सरे राह सड़ रहे शव गोसेवकों और सरकारी तथा गैरसरकारी मंसूबों को बताने के लिए काफी है । लोक निर्माण विभाग की सड़कों से जानवरों के शव हटाने और उन्हें दफ्न करने के लिए भी व्यवस्था की जाती है । राजमार्ग पर प्रत्येक दस किलोमीटर पर वैसे भी किसी न किसी जानवर का सड़ा हुआ शव दिख जाना आम बात है । लेकिन गाय के नाम पर हो रही राजनीति को देखते हुए सड़क पर गोवंश के शवों का सड़ना शर्मनाक है । इसके लिए हर एक नागरिक को जिम्मेदारों से सवाल करना चाहिए ।