जिला कारागार में बंदी की मौत,परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप

हत्या, प्राणघातक हमले व गैंगेस्टर के मामले में बन्दी टीबी की बीमारी से ग्रस्त था

          जिला कारागार में एक बंदी की मौत हो गई वह हत्या, प्राणघातक हमला  व गैंगेस्टर के मामले में बंद चल रहा था। जेल अधीक्षक का कहना है कि उसे टीबी की बीमारी थी। मौत की सूचना परिजनों को दे दी गई है। परिजनों ने जेल प्रशासन पर बंदी के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
        टड़ियावां थाना क्षेत्र के कटका मजरा पाला निवासी वासुदेव उर्फ कल्लू पासी 48 पुत्र वोदिल हत्या, प्राणघातक हमला करने  व गैंगेस्टर के आरोप में बंद था। जेल अधीक्षक बीके सिंह यादव ने बताया कि 48 वर्षीय कल्लू पर प्राण घातक, दुष्कर्म, शस्त्र अधिनियम, हत्या व गैंगस्टर के अलग-अलग पांच मुकदमें कोतवाली देहात तथा कोतवाली कछौना  में दर्ज हैं। उन्हीं मामले में वह 11 अक्टूबर 2015 को जेल में आया था। 
           उन्होंने बताया कि वह टीबी का मरीज था। 17 अक्टूबर 2017 को बीमारी के चलते उसे जिला कारागार के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां टीबी की पुष्टि होने पर 23 अक्टूबर से उसका टीबी का  इलाज चल रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि तबियत खराब होने पर 5 बजकर 37 मिनट पर उसे जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन उसकी मौत हो गई। वहीं परिजनों ने जेल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया जिसको जेल अधीक्षक ने खारिज करते हुए कहाकि इलाज में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है।