जिले भर में गुरुवार को प्रकाश पर्व दीपावली पारंपरिक श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया गया तथा लोगों ने पूजा अर्चना की और एक दूसरे को मिठाइयां बांटी। इस अवसर पर लोगों ने एक दूसरे के साथ खुशियां भी साझा की। इस अवसर पर आतिशबाजी से आकाश जगमगा उठा।
दिवाली का खुमार सुबह से ही लोगों पर छाया रहा क्योंकि लोग अपनों घरों को दिये और रंगोली से सजाने में व्यस्त थे। दोपहर तक घर और दुकानें रंग बिरंगी रोशनी बिखेरने वाली बिजली के बल्बों से संज संवर गई। फूलों की मालाएं से भी उनकी सजावट की गई। घरों में प्रवेश द्वार पर लोगों का स्वागत करने के लिए रंगोली बनाई गई थी।हालांकि, दिवाली के उमंग में डूबे बच्चे शाम तक इंतजार नहीं कर पाए और सुबह से पटाखे जलाने में मशगूल थे।इस पूरे हफ्ते बाजारों लोगों का तांता लगा रहा जो दोपहर के बाद शाम तक भी देखा गया।यह त्यौहार चौदह वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या वापस लौटने की खुशी में दीपावली का पर्व मनाया जाता है।
उल्लास और दीपों का त्योहार दीपावली जनपद में धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने घरों को सजाया। श्रद्धा से कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा की और मिठाइयों का आनंद लिया। हालांकि इस बार पर्व पर महंगाई का असर दिखाई दिया। इसके चलते बाजार में अपेक्षाकृत कम रौनक रही।लोग तैयार होकर अपने परिचितों का बधाई देने के लिए घर से निकल पड़े। लोगों ने मिठाई व उपहार देकर एक-दूसरे को त्योहार की शुभकामना दी। शाम होते होते नगर प्रकाश में नहा उठा। लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों को फूलों, दीपों व बिजली की झालरों से सजाया। शाम को पारंपरिक ढंग से लक्ष्मी गणेश का पूजन किया गया। इसके बाद लोगों ने बच्चों के साथ आतिशबाजी का आनंद लिया। हालांकि इस त्योहार पर भी महंगाई का असर साफ देखने को मिला। पिछले वर्षो की अपेक्षा इस बार बाजारों में भी रौनक कम दिखायी दी। जिससे व्यापारियों में मायूसी रही।