देश की कार्यसंस्कृति सात-आठ सालों मे बदलने का श्रेय ‘नरेन्द्र मोदी’ को

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

अन्तत:, यह सच नरेन्द्र मोदी की ज़बान पर आ ही गया :–
“देश की कार्यसंस्कृति सात-आठ साल मे बदली है।”

नरेन्द्र मोदी के इस कथन मे कहीं कोई असत्य का पुट नहीं है और न ही विरोध का आभास है। निस्सन्देह, देश की कार्यसंस्कृति सात-आठ सालों मे बदली है। मै तो कहूँगा कि पिछले ७० वर्षों की कार्यसंस्कृति मे आमूल-चूल परिवर्त्तन आया है और वह भी इसलिए कि :—
● देश को अब तक का सबसे अहम्मन्य और असत्यवादी प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश को सबसे अल्प ज्ञानी प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश मे सबसे अधिक बदले की भावना से काम करनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश को सबसे अधिक निर्मम, निर्दय तथा निकृष्ट प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश की जनता की आय का स्रोत बन्द कर, मौन बन जानेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश को कुपोषण, महँगाई, भ्रष्टाचार, अपराध, अशिक्षा तथा बेरोज़गारी की आग मे झोंकनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश मे हिन्दू-मुसलमान के मध्य वैमनस्य फैलाकर, अपना उल्लू सीधा करते रहनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● स्वयं को चाय बेचनेवाला, नीच जातिवाला, सैंतीस वर्षों तक लोग के घरों मे जाकर भीख मागकर खानेवाला, निरक्षर, आठ वर्ष की अवस्था मे घर छोड़कर भाग जानेवाला, चौकीदार तथा फ़क़ीर बताकर, जनता का भावनात्मक दोहन करते रहनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● ‘वन नेशन-वन टैक्स’ के नाम पर तरह-तरह के कर थोपकर,औसत जनता का रक्त चूसनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● किसानो, जवानो तथा युवाओं का जीवन और भविष्य अन्धकारमय बनानेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश के लघु और मध्यम उद्योगों को बरबाद कर, करोड़ों लोग का रोज़गार छीननेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● “डंके की चोट पर” लोकतन्त्र की गरदन दबाये रखनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● ‘पी० एम० केअर फण्ड’ के नाम पर अकूत धन बटोरकर मौन हो जानेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश के राजस्व का भरपूर दुरुपयोग करनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश के इतिहास के साथ बलप्रयोग कर, निरंकुशता का बोध करानेवाला देश का प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● देश के समस्त संवैधानिक संस्थानो को अपनी अँगुलियों पर नचानेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● उद्योगपतियों की गोदी मे खेलनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।
● नितान्त निरंकुश एकच्छत्र चक्रवर्ती सम्राट् बनने का दु:स्वप्न देखनेवाला प्रथम प्रधानमन्त्री मिला है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २३ अक्तूबर, २०२२ ईसवी।)