‘मुक्त मीडिया’ की अन्वेषणात्मक पत्रकारिता
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
बागेश्वरधाम के स्वामी धीरेन्द्र शास्त्री को चमत्कारी पुरुष बतानेवाले देश के समस्त समाचार-चैनल के संवाददाता इस सच को जानने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे हैं :―
राजनगर तहसील के शासकीय अभिलेख मे बागेश्वरधाम से लगे जो खसरा-संख्या ४८५२, ४८२, ४८३ तथा ४२८ की क्रमश: ०.४२१ हेक्टेअर, ०.३८८ हेक्टेअर, ०.४०१ हेक्टेअर तथा १.१२१ हेक्टेअर के भूभाग हैं, वे श्मशान, तालाब तथा पहाड़ के रूप मे दिखाये गये हैं। अब उन्हें अपने अधिग्रहण मे लेकर धीरेन्द्र शास्त्री और उनके सेवक (सेवादार) वहाँ के तालाब को पटवाकर निर्माणकार्य करवा रहे हैं। इतना ही नहीं, वहाँ जो श्मशान के लिए भूभाग (खसरा-संख्या ४२८) निर्धारित था, अब वहाँ शवदहन करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है। उस श्मशान के स्थान पर १२ दुकाने बनवाकर किराये पर दे दी गयी हैं, जिसका आर्थिक लाभ कथित ‘सनातनी संत’ के घर मे पहुँचाया जा रहा है।
निस्सन्देह, वर्तमान मे, देश मे ऐसा एक भी समाचार-चैनल नहीं है, जो सत्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्व का निर्वहण कर रहा हो।
‘हिन्दूराष्ट्र’, ‘रामराज’, ‘सनातनी हिन्दू’ आदिक की आड़ मे दबंगई के साथ पापकर्म किये जा रहे हैं और लोग बड़ी संख्या मे उसका समर्थन भी कर रहे हैं। ऐसे मे, देश यदि गर्त मे गिरता है तो इसमे धीरेन्द्र शास्त्री और उसके सेवादारों का दोष क्या है?
(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १३ फ़रवरी, २०२३ ईसवी।)