उच्चतम न्यायालय ने दुष्कर्म और यौन-उत्पीड़न से जुड़े कानूनी प्रावधानों को लैंगिक रूप से निष्पक्ष बनाने संबंधी एक याचिका आज खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ये कानूनी प्रावधान महिलाओं की सुरक्षा तथा संरक्षा के लिए हैं तथा उनके पक्ष में हैं। हमें याचिका काल्पनिक लगती है। खंडपीठ ने कहा कि कानून में संशोधन करना संसद का कार्य है। न्यायालय इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
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