भू-माफिया प्रशासन को दिखा रहे ठेंगा, तालाब की जमीनों पर कर रहे कब्ज़ा

वजीरगंज: सत्ताधारी नेता के करीबी ने तालाब की जमीन पर अवैध निर्माण कार्य कराया है । यह निर्माण कार्य काफी दिनों से चल रहा था । शिकायत पर गंभीर हुए डीएम ने अफसरों से तत्काल कार्यवाही को कहा । जिसके बाद एडीएम प्रशासन ने अफसरों को भेजकर निर्माण कार्य रुकवा दिया । एडीएम ने तो एसडीएम को लिखित पत्र जारी कर दस्तावेज तलब कर लिए ।

मंगलवार को वजीरगंज कस्बे में तहसीलदार परमवीर सिंह व लेखपाल लोगों की टीम को एडीएम प्रशासन रितु पुनिया ने भेजे। एसडीएम ने एडीएम ने एसडीएम से जल्द से जल्द जांच कर दस्तावेज सहित तालाब पर चल रहे निर्माण कार्य के मामले में जांच रिपोर्ट मांग ली है। एड़ीएम ने पिछले बीस साल के रिकॉर्ड के साथ जाँच रिपोर्ट मांगी है।जिससे स्थिति साफ हो सके और तालाब की जमीनों पर कब्जा कर रहे भू -माफिया पर कार्रवाई कर जेल भेजा जा सके । सत्ताधारी नेता का करीबी भूमाफिया वजीरगंज कस्बे में पड़ी जमीनों पर अवैध कब्जा करने में लगा है। खास बात यह है कि तहसील प्रशासन खुद ही बता रहा है कि तालाब की जमीन है लेकिन कार्रवाई नहीं कर रहा और दबाव और आर्थिक बोझ के चलते वह कार्रवाई से माफियाओं को बचाना चाह रहे हैं
आपको बता दें कि नगर पंचायत की ओर से दिया जा चुका है पहले नोटिस दे दिया इस नोटिस के माध्यम से निर्माण रुकवाने के लिए जमीन थाना पुलिस और एसडीएम तहसील को भी सूचना दी गई थी मगर एसडीएम और तहसीलदार सहित थाना पुलिस में आ गए जिसकी वजह से निर्माण कार्य नहीं रुका ।

योगी सरकार जो टैलेंट के लाख वादे करती नजर आ रही हो पर यूपी में अधिकारी बेलगाम होते नजर आ रहे हैं आपको बता दें कस्बा वजीरगंज में तालाब की अवैध भूमि पर इतने लंबे अरसे से अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य चल रहा था फिर भी प्रशासन ने तालाब की जमीनों पर हो रहे निर्माण कार्य पर आंखें मूंद ली इससे साफ जय हो रहा है कि शासन और प्रशासन की मदद से तालाबों की जमीन पर सत्ताधारी नेता के करीबी के द्वारा लगातार कब्जा किया जा रहा है इस पर बोलने वाला अधिकारी तो क्या कार्यवाही करते हुए भी नजर नहीं आ रहे हैं इस पूरे प्रकरण में अधिकारिता नजरदाज करते आ रहे हैं।

जब इस प्रकरण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तो वह यह कहते हुए मुकर जाते हैं कि यह प्रकरण हमारे संज्ञान में नहीं है जांच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी काफी समय से चल रहे निर्माण कार्य पर आज तक जांच नहीं हो पाई क्या है इस प्रकरण का राज क्या आर्थिक समझौते के आधार पर इस पूरे प्रकरण का पटाक्षेप कर दिया गया है या कुछ और । डीएम साहब के सख्त आदेश होने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है तो वहीं दूसरी और बता दें कि कस्बे में इस सत्ताधारी नेता के करीबी ने नगर पंचायत में मिलकर कई घपले भी कराए हैं अगर सही तरह से जांच की जाए तो पूरा मामला निकल कर सामने आ जाएगा और तालाब की जमीनों सहित खनन माफिया अन्य कई काले कारोबार भी इस भूमाफिया के संरक्षण में खुलेआम चल रहे हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि इसमें प्रशासन और प्रशासन दोनों मिले हुए हैं ।

अगर इस प्रकरण में जांच की जाती है तो लेखपाल सहित एसडीएम बिसौली की भी गर्दन फंस सकती हैं क्योंकि प्रकरण संज्ञान में होने के बावजूद भी लगातार कब्जा कराया जा रहा है ।