जीने की प्रबल इच्छा होनी चाहिए घबराना नहीं है :- डॉ॰ राजेश पुरोहित

भवानीमंडी:- जीने की प्रबल इच्छा होनी चाहिए घबराना नहीं यह पंक्तियां ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजन दौरान युवा कवियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार देश के सुप्रसिद्ध कवि डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित ने कही।

भारतीय कलाकार संघ के तत्वावधान में लॉक डाउन के दौरान नियमित रूप से चल रहे कवि सम्मेलन के तृतीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न शहरों से युवा कवियों ने ऑनलाइन काव्य पाठ किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ज्योत्स्ना सिंह राजावत एवं विशिष्ट अतिथि गौरव यादव वरिष्ठ वैज्ञानिक कानपुर ने पूरे समय कार्यक्रम सुना और युवा कवियों को मार्गदर्शक किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ पंजाब के मोगा जिले की युवा कवयित्री अमनजोत निडर की मधुर मीठी वाणी से मां शारदे की आराधना ने श्रोताओं का मन श्रद्धा से भर दिया।
इसी क्रम में प्रयागराज से जुड़े युवा कवि अभिजीत त्रिपाठी जी ने अपनी कविता में नया प्रयोग कर दो प्रेमियों की वार्तालाप एक अद्भुत प्रणय दृश्य को सामने प्रस्तुत किया जो निसंदेह बहुत सराहा गया।

कवि कालू पेंटर जी आनंदपुर विदिशा से जिन्होंने फौजी जीवन की सच्चाई से रूबरू कराया देश प्रेम से ओतप्रोत रचना उनकी मन को अभिभूत कर दिया। लखनऊ से कवि रजनीश कुमार जी ने अपनी सधी हुई आवाज में मुक्तक प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।

लोकगीतकार मुन्ना पेंटर गोटेगांव नरसिंहपुर ने अपनी रचना प्रस्तुत कर दर्शाया कि एक रचनाकार को जरूरी नहीं है कि उसके पास आधुनिकता के सभी साधन उपलब्ध हो अगर उसके अंदर कवि छुपा हुआ है तो अपना प्रकाश फैलाने में सर्वत्र सक्षम है। उन्नाव उत्तर प्रदेश के युवा छंदकार शानू बाजपेई अपूर्व जी ने अपने छंदो से देश में व्याप्त समस्याओं को उजागर किया।

कार्यक्रम में एकमात्र कवयित्री के रुप में सम्मिलित पंजाब के मोगा जिले से अमनजोत निडर जी ने दर्शाया कि एक लड़की जब दर्द अपने आसपास का देखती है तब उसके अंदर का ज्वालामुखी फटता है यही ज्वालामुखी कभी गीतों में कवि छंदों में कभी रचनाओं की किसी भी विधा में दिखाई देने लगता है।निडर ने अपनी गजल में कहा
नकाब उतरा और नकाब सामने आया ,
सवालों का जवाब सामने आया।

कृष्ण कुमार सैनी दौसा राजस्थान से आपने करुण रस में बड़ी मार्मिक रचना सैनिक जीवन की व्यथा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार के रूप में डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित जी भवानी मंडी भवानी मण्डी झालावाड राजस्थान वास्तविकता को रूबरू कराती तनावग्रस्त आदमी की व्यथा का यथार्थ चित्रण अपनी कविता के माध्यम से किया।

कार्यक्रम संयोजक शिवम् यादव टोड़ा ने कहा- कार्यक्रम मैं निरंतर युवा कवियों को प्रोत्साहन मिल रहा है तथा नित्य नए युवा कभी अपनी प्रस्तुति के लिए संघ के कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं। यादव ने बताया हम इस कार्यक्रम की निरंतरता बनाए रखने में संपूर्ण सहयोग करेंगे।
कवि सम्मेलन के दौरान सफल संचालन रोहित गुस्ताख दतिया ने किया। एवं कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम प्रभारी अक्षय दुबे भिंड ने आभार प्रदर्शन किया।

सभी प्रतिभागी कवियों को भारतीय कलाकार संघ द्वारा डॉ. ज्योत्स्ना सिंह राजावत जी के कर कमलों से ई- सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को भारतीय कलाकार संघ मध्य प्रदेश के मीडिया प्रभारी राज पेंटर बुंदेलखंडी द्वारा स्मृति पत्र प्रदान सम्मानित कर आभार प्रकट किया गया।

कार्यक्रम में श्रोताओं के रूप में नरेंद्र यादव, संजय दिनारा, अरूण यादव, राज बुंदेलखंडी, मनीषा गिरि, हरी अहिरवार, नवीन पाराशर,चंदन दुबे,दिलशेर दिल, एस के गुप्ता, विकास मिश्रा दिनारा, जितेंद्र कानपुरी,प्रवीण यादव, आर्टिस्ट बेताल केन, आर्टिस्ट किशनू कुर्मी दिल्ली,प्रिंस यादव, कौशल योगी, आर्टिस्ट उत्कर्ष पांडेय , नीतेंद्र परमार, दीपक पचोर,‌धर्मेंद्र यादव , गीतकार मंगलराज छतरपुरी आदि ने प्रोत्साहन किया।