‘न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार’ के लोग मानसून-सत्र मे राज्यसभा से कल से आज तक २३ विपक्षी सांसदों को निलम्बित कराकर, लोकतन्त्र का गला घोंटवा चुके हैं। विपक्षी सांसद सरकार की जनघाती नीतियों के विरुद्ध आवाज़ उठा रहे थे और उस पर चर्चा कराना चाह रहे थे, जिसे लेकर ‘सरकारी स्पीकर’ ने उनकी एक नहीं सुनी और अवैध आदेश जारी कर, विपक्षी दलों के २३ सांसदों को निलम्बित कर दिया है।
बेशक, यह सत्तापक्ष का बेहद घिनौना और घृणित कर्म है। इसका एक ही उपचार है, देश के समस्त विपक्षी दलों के सांसद इस निर्लज्ज सरकार की तानाशाही शासकीय नीति के विरोध मे अपना सामूहिक त्यागपत्र राष्ट्रपति और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दें।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २६ जुलाई, २०२२ ईसवी।)