‘ड्रोन’ के द्वारा जम्मू पर आक्रमण; भारतीय सेना नाकाम!

'मुक्त मीडिया' का 'आज' का सम्पादकीय

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

पिछले दिनों एक अज्ञात ‘ड्रोन’ से जम्मू में किया गया आक्रमण निश्चित रूप से भारतीय सैन्यतन्त्र की लापरवाही का जीता-जागता नमूना है और देश को चलानेवालों को इस विषय को जितनी शीघ्रता के साथ गम्भीरता से लेना चाहिए, नहीं लिया गया है। सच तो यह है कि ‘भारतीय जनता पार्टी’ और उसके सहयोगी दलों ने जिस प्रकार की सरकार का गठन किया है, वह मात्र ‘व्यक्तिपरक’ दिखती आ रही है। देश के राजस्व का दुरुपयोग, जन-जन की आय का दोहन तथा देश में साम्प्रदायिक विष घोलकर जन-जन को विषाक्त बनाकर उसके भविष्य को दिशाहीन करना, उस ‘न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार’ का एकमात्र ध्येय बनकर रह गया है। यही कारण है कि पिछले सात वर्षों से बेहद घटिया आन्तरिक राजनीति के कारण भारत की स्थिति अति दुर्बल हो चुकी है और देश ‘रामभरोसे’ चल रहा है।

ड्रोन-हमला किसने और क्यों करवाया, इसका कोई साक्ष्य अभी तक मिल नहीं पाया है और ‘बदनाम’ पाकिस्तान पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है। प्रश्न है, इस प्रकरण में ‘चीन’ का नाम क्यों नहीं आ रहा है?

वास्तव में, जिसे ‘ड्रोन’ कहा जाता है, वह ‘मानवरहित वायवीय वाहन’ (Unwanted Serial Vehicle– U. A. V.) है; ‘ड्रोन’ नाम को लोकप्रियता मिल चुकी है; किन्तु ‘ड्रोन’ कोई सार्थक शब्द नहीं है।

भारत की गुप्तचर अभिकरण (एजेंसी) ने जब जम्मू के सैन्य अधिकारियों को ‘ड्रोन-हमले’ होने की सूचना देता रहा तब ‘न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार’ की रक्षापंक्ति सोती रही? उल्लेखनीय है कि इस सरकार का जब से गठन हुआ है, हमारे वैदेशिक और रक्षा-तन्त्र लड़खड़ाते दिखते आ रहे हैं; चाहे ‘पुलवामा-काण्ड’ हो; ‘लद्दाख-घटना’ हो; ‘चीन का सीमा-अतिक्रमण’ हो या फिर आये-दिन की आतंकी घटनाएँ हों। इसका मुख्य कारण है, नरेन्द्र मोदी का अधिनायकत्व (निरंकुशता)। यह व्यक्ति जब से प्रधानमन्त्री बना है, जनसामान्य का सम्मानपूर्वक जीवन जीना दूभर हो चुका है। इस व्यक्ति ने और इसके बायें-दायें चक्कर लगानेवाले चेहरों ने अपनी लोकघाती नीतियों के चलते जनसामान्य की वैकासिक गतिविधियों पर विराम लगा दिया है।

इस सरकार की उम्र लगभग पूरी हो चुकी है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २९ जून, २०२१ ईसवी।)