कहते हैं नीम हकीम खतरे जान लेकिन जब अस्पताल के सरकारी डॉक्टरों के द्वारा दी गई दवा से मरीज बेहाल और हलकान हो जाएं तो आखिर ऐसे में बीमार मरीज और उनके तीमारदार अपने मरीजों को लेकर कहां जाएं।ताजा मामला हरदोई का है जहाँ चिकित्सक के इलाज से युवक की हालत बिगड़ गयी जिसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मौसम के बदलाव के साथ शहर के सीएससी और पीएचसी और जिला अस्पताल में बुखार के मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है ऐसे में इन अस्पतालों को मरीजों का ध्यान रखना डॉक्टरों को मुश्किल हो रहा है सीमित संसाधनों और कम डॉक्टरों की देखरेख में इन मरीजों का इलाज हो रहा है। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को बिना डायग्नोस किए दवाओं का वितरण किया जा रहा है पीड़िता ईश्वर वती के पति बाबूराम के मुताबिक डॉक्टर के द्वारा दी गई गलत दवा खाने के कारण ईश्वर वती की हालत अचानक बिगड़ गई उसके बाद वह उसे टोडरपुर स्थित सरकारी अस्पताल ले गया दो ग्लूकोज की बोतल चढ़ाने के बाद जब उसकी हालत और बिगड़ने लगी तो वह उसे प्राइवेट वाहन से जिला अस्पताल ले आया जहां डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया।डॉक्टर सुबोध के मुताबिक बुखार की पीड़िता है उसका इलाज चल रहा है।