राशन कार्ड धारक व विक्रेता ई – पास मशीन से परेशान

शिव यादव


बिलग्राम – सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने और कालाबाजारी रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी ई – पॉस मशीन से पात्रों को राशन वितरित करने की व्यवस्था जनवरी माह से की गई है । लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से पात्रों को बगैर राशन लिए ही वापस लौटना पड़ रहा है।

उपभोक्ताओं को कहीं अंगूठे के निशान न मिलने (स्कैन न होने), सर्वर डाउन होने व मशीन की बैटरी डाउन होने की समस्या के चलते राशन वितरण बाधित होता है । ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अनुुपलब्धता के कारण मशीन बंद होने से कोटेदार द्वारा राशन वितरण बंद कर दिया जाता है । सबसे बड़ी समस्या उपभोक्ताओं का ई – पॉस मशीन से अंगूठा या उंगली का न मिलना है जिससे कार्ड धारकों को बगैर राशन लिए ही वापस लौटना पड़ रहा है और उन्हें यह प्रणाली बिल्कुल रास नहीं आ रही है। ऐसा होने से घर के सभी यूनिट सदस्यों को राशन की दुकान के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। कामकाजी व वृद्ध महिलाएं हों या फिर बच्चे सभी नयी वितरण प्रणाली से परेशान हैं । उनमें भारी रोष व्याप्त है।

एक ओर जहां घरेलू कामकाजी महिलाओं को घर का सारा काम छोड़कर अंगूठा लगाने आना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर पढ़ने वाले बच्चों को भी पढ़ाई-लिखाई छोड़ जाना पड़ रहा है।‌ इस प्रक्रिया से राशन वितरण न के बराबर हो पा रहा है। बानगी देखें तो ब्लाक के ग्राम गुरौली‌-पुसेडा में ही तीन दिन में कुल डेढ़ सौ कार्ड धारकों को ही राशन वितरण किया जा सका है। इस बारे में उचित दर विक्रेता विद्याराम का कहना है कि वह स्वयं इस प्रणाली से परेशान हैं । लेकिन उन्हें शासन की मंशा के अनुरूप वितरण करना पड़ रहा है। इस प्रणाली से राशन वितरित करने के लिए उन्हें काफी समय लगेगा। अंगूठा न मिलने से राशन के मैनुअल वितरण की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस बाबत जब जिला पूर्ति अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।‌