विद्युत विभाग छूट के नाम कर रहा उपभोक्ताओं से लूट

रिपोर्ट- पी०डी०गुप्ता-


छूट मात्र एक छलावा साबित हुई है । यह सिर्फ कागजी कार्यवाही तक ही सीमित दिख रही है । मार्च माह 2017 के दौरान शुरू हुई एमनेस्टी योजना के तहत विद्युत उपभोक्ताओं के बिल में छूट देने की योजना के नाम पर विभाग उपभोक्ताओं के साथ छलावा कर रहा है। उस समय बिलों में दी जाने वाली छूट व उपभोक्ता द्वारा योजना का लाभ लेने हेतु जमा की गई अग्रिम धनराशि ₹ 1000/- को मात्र कागजी कार्यवाही तक ही सीमित कर दिया है। योजना का लाभ लेने हेतु उस दौरान दी गई छूट राशि व अग्रिम जमा धनराशि को आगे आने वाले बिलों में कहीं पर भी समायोजित नही किया जा रहा है। और तो और पुरानी भुगतान धनराशि को आगे बिलों में बकाया दर्शाकर उस पर उपभोक्ताओं से ब्याज भी वसूला जा रहा है।
सिर्फ उस योजना के दौरान अंतिम जमा भुगतान राशि (फाइनल बिल) को ही आगे आने वाले कुल बिल में समायोजित किया जा रहा है, न ही उसमें पहले से जमा धनराशि पर लगा ब्याज घटाया जा रहा है और न ही छूट राशि व अग्रिम जमा धनराशि तो फिर एमनेस्टी योजना का क्या लाभ? क्या सिर्फ उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाने के लिए इन योजनाओं का शासन द्वारा क्रियान्वयन किया जाता है? उपभोक्ताओं को छूट का लाभ प्रदान करने वाली इस तरह की योजनाओं को विभाग द्वारा असली जामा क्यों नही पहनाया जा रहा है?