राजेन्द्र जी (विश्व संवाद केन्द्र, लखनऊ)-
एलपीजी गैस सिलेंडर पर सब्सिडी समाप्त करना देश के गरीब और ग्रामीणों के साथ धोखा है। केंद्र सरकार ने पिछले दिनों लाखों मुफ़्त कनेक्शन देकर जो वाहवाही लूटी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीबों का मसीहा साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी परन्तु सरकार में बैठे कुछ वरिष्ठ मंत्री एवं ज्येष्ठ आईएएस अधिकारी मोदी जी के छवि को खराब करने की साजिश करते रहते हैं। उसी का परिणाम है गैस सिलेंडर पर सब्सिडी समाप्त करने की योजना। केंद्र में कुछ मंत्री ऐसे भी हैं जो भारत को ठीक से जानते ही नहीं उन्हे यह भी पता नहीं है कि आज भी देश के 10 से 15 प्रतिशत लोगों को दोनों समय का भोजन नहीं मिलता और लगभग इतने ही लोगों की प्रति दिन प्रति व्यक्ति भोजन पर खर्च 10 से 15 रूपए है। जो लोग किसी कैफे में बैठकर 75 रूपए की काफी पीते हैं, 750 रूपये थाली का भोजन करते हैं , 10-25 हजार रुपए होटल के कमरे में रात्रि विश्राम करते हैं वे लोग ही गांव, गरीब, झोपड़ी वालों के लिए बजट तैयार करते हैं। भारत कृषि प्रधान देश कहा जाता है परन्तु किसान की जिंदगी कैसी है किसी से छुपी नहीं है एक किसान करोड़ो की जमीन का मलिक होते हुए भी आत्महत्या करने के लिए मजबूत होता है सामान्य व्यापारी भी अच्छी भली जिंदगी जीता है। दुःख तो तब होता है जब एक सड़क छाप व्यक्ति नहीं आदमी जो दूसरों की चाय पर निर्भर होता है यदि वह खुदा न खास्ता नेता बन जाता है तो वह रातोंरात कैसे करोड़ो का मालिक बन जाता है घर, कार, रिवाल्वर आदि कब उसके पास आ जाते हैं शायद भगवान भी नहीं जान पाते होंगे और वही व्यक्ति जब गरीब और गरीबी का मजाक उड़ाता है तो विधि के विधान पर आश्चर्य होता है। आज भारत में लोकतंत्र की मर्यादा पर प्रश्नचिन्ह लगता दिखाई दे रहा है, कहने के लिए तो बचा है किन्तु वास्तविक स्वरूप राजतंत्र का ही है।
जय हिंद ।