आवारा गोवंश सभी जनमानस के लिए बने मुसीबत

कछौना (हरदोई): वर्तमान समय में गोवंश के संवर्धन हेतु सरकार द्वारा प्रभावी कदम न उठाए जाने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। किसान रात रात भर आवारा पशुओं से फसल बचाने के लिए रतजगा करने को विवश हैं।

गौवंशों की धार्मिक मान्यता व उपयोगिता के चलते मोदी सरकार ने गौवंश के वध पर कठोरता से रोक लगा दी है। ऐसे में उपयोगिता न होने के कारण पशुपालकों ने पशुओं को आवारा छोड़ दिया है। जिसके कारण गांव गांव काफी संख्या में आवारा गौवंश घूमते हैं। आवागमन में लोगों के लिए काफी परेशानी खड़ी कर दी है। सड़कों पर बैठे होने के कारण सड़क हादसों में इजाफा हो गया है। अब रेलवे ट्रैक भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। आवारा गौवंश रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर आए दिन दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। कई बार गौवंश ट्रेन की चपेट में आने से असमय मृत्यु हो रहे हैं। जिससे एक बड़ा हादसा होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। रेल-वे के संरक्षण व संचालन में दिक्कत होती है। ग्राम सभाओं में खोले गए गौशाला केंद्र कागजों पर चल रहे हैं। आवारा पशुओं के शवों को कोई उठाने वाला नहीं है। वह रेलवे ट्रैक में पड़े-पड़े सड़ जाते हैं। कुत्ते व कौवे नोच नोच कर गौवंश के शव को खाते रहते हैं। मृतक गौवंशो के शवों की बदबू से राहगीरों को काफी परेशानी होती है। आस-पास के गांव में संक्रामक बीमारी फैलने की प्रबल संभावना बनी रहती है।

यातायात निरीक्षक ने बताया कि कई बार खंड विकास अधिकारी कछौना को पत्र लिखकर आवारा गौवंशों को गौशाला में भेजने के लिए पत्र लिख चुके हैं। परंतु कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है। जिसका खामियाजा निरीह पशु व किसानों के साथ आम जनमानस उठा रहे हैं।

रिपोर्ट- पी०डी० गुप्ता