आजादी की 71 वी वर्षगांठ पर लोकतन्त्र का मूल्यांकन

 राम वशिष्ठ-


देश को आजाद हुए 70 साल हो गए । देश ने तरक्की भी की काफी और कुछ मोर्चो पर निराशा भी होती है कि आज भी हम कितने नाकाम है । काले बादलों के पार गहरे नीले आसमान से भी परे अंतरिक्ष में मंगलयान और चंद्रयान भेजना हमारी बेहतरीन उपलब्धि है तो जमीन पर हर साल आधे से ज्यादा देश बाढ में डूबता है और आजकल तो चोटीकटवा के कारण हलकान है लोग, जो कि शर्मनाक है । खेल के मैदान में बेटियां अपना परचम लहरा रही है और देश का नाम रोशन कर रही है जिस पर गर्व महसूस होता है तो सड़क पर बेटियां बिल्कुल भी सुरक्षित नही है जिससे शर्म महसूस होती है । आजादी के बाद से ही हम एक मजबूत लोकतंत्र बन कर उभरे है तो आज भी हमारे नेता भ्रष्टाचार करने में जरा भी नही शर्माते है और लगातार राजनीति का स्तर गिर रहा है । पत्रकारिता का स्तर नीचले पायदान पर पहुंच गया है और रईसों के बिगड़ैल लड़के एक ऐसी दुनिया में जी रहे है जो कि समाज के लिए बेहद खतरनाक है । मानवीय संवेदना का स्तर इस कदर गिरा है कि बेटा एक साल से भी ज्यादा समय तक अपनी बूढ़ी माँ के साथ फोन पर बात करने का समय नही निकाल पाता और माँ की मौत के बाद शरीर कंकाल बन गया और किसी को भी पता नही चला । आगे सब शुभ – शुभ हो बस उम्मीद कर रहा हूँ ।

जय हिंद । वन्देमातरम् ।