इंडियन वाॅयस 24 के साथ युवा संगीतकार एवं ड्रमर तन्मय मुखर्जी की ख़ास बातचीत

युवा संगीतकार तन्मय मुखर्जी से इंडियन वाॅयस 24 के विशेष संवाददाता अवनीश मिश्रा की वार्ता

Special Correspondent IV24 Avneesh Mishra

संवाददाता- संगीत के प्रति आप कब और कैसे आकर्षित हुए?

तन्मय मुखर्जी – मैं बचपन से ही घर में छोटे-छोटे डिब्बों से संगीत निकाल के अपना समय व्यतीत करता था । उस समय टेलीविजन पर बड़े-बड़े संगीतकारों को ड्रम बजाते हुए देख कर मेरे मन में विचार आता था कि एक दिन मैं भी इनकी तरह टीवी पर ड्रम का प्रदर्शन करूंगा।

संवाददाता- आप किस संगीतकार से प्रेरित हैं?

तन्मय मुखर्जी- मैं कई विदेशी संगीतकारों के साथ ही अपने भारत के संगीतकारों जैसे त्रिलोक, गुरु, शिवा, मनी व कई बड़े ड्रम वादक जिनको देखकर मैं बड़ा हुआ हूं से प्रेरित हूं।

संवाददाता- कृपया अपनी रचनात्मकता के विषय में कुछ बताएं?

तन्मय मुखर्जी- मैं फ्यूजन संगीत को लेकर आगे बढ़ रहा हूं । इसमें मैंने कई प्रकार के इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल किया है। इसमें विदेशी और हिंदुस्तानी इंस्ट्रूमेंट का मेलजोल है। मैंने 20 से भी ज्यादा इंस्ट्रूमेंट्स को एक साथ व एक समय पर बजाने का हुनर विकसित किया है । मैं इन्हीं सब इंस्ट्रूमेंट्स को मिलाकर प्ले करते हुए अपने देश का नाम विदेशों में रोशन करके आया हूं । अब कई और प्रयोग करने के प्रयास में लगा हूं।

संवाददाता- क्या आप अपने संगीत की विशेषता से हमारे पाठकों को अवगत कराएंगे ?

तन्मय मुखर्जी- मेरा संगीत एक ताल का संगीत है। जिस प्रकार से हम तालों को जोड़कर एक संगीत बनाते हैं वैसे ही मैं अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स की धुनों को जोड़कर संगीत बनाता हूं । मेरा मानना है कि हमारा संगीत जहां कहीं भी सुना जाए वह वहां का प्रतीत हो, वह सभी प्रांत के लोगों को जोड़ें और एकता बढ़ाए । यह केवल संगीत के द्वारा ही संभव है।

संवाददाता- क्या आप दूसरे कलाकारों का सहयोग करते हैं?

तन्मय मुखर्जी- मैं दूसरों के साथ संगीत का अपना ज्ञान बांटता हूं व बच्चों और बूढ़ों को भी इस ज्ञान से जोड़ने की कोशिश करता हूं । इसी आशा के साथ कि हमारे शहर का हर बूढ़ा और बच्चा, माता और बहन एक दिन संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ें।

संवाददाता- संगीत के क्षेत्र में आपको क्या पसंद आता है?

तन्मय मुखर्जी- संगीत के क्षेत्र में सबसे पसंदीदा बात यह है कि हर शहर का, हर देश का नागरिक आपसे जुड़ के कुछ नया ज्ञान देता है और हर बार, हर दिन कुछ नया जीवन में सीखने को मिलता है साथ ही साथ इससे सफल इंसान बनने की प्रेरणा मिलती है।

संवाददाता- आपकी कोई ऐसी परफॉर्मेंस जिसने आपको बहुत ही चिंता में डाल दिया हो…

तन्मय मुखर्जी- मेरे जीवन में कई ऐसी परफॉर्मेंसेस हुई है जहां पर मैं बहुत चिंतित हो गया था । क्योंकि मेरा कार्य जब तक एकदम सटीक नहीं होता मैं संतुष्ट नहीं हो पाता हूं। हर दिन हर प्रोग्राम के बाद मुझे यही लगता रहा है कि मैंने इस कार्य में कमी रखी । हर प्रोग्राम के बाद मुझे यही चिंता रहती है कि मैं अगले कार्य में और बेहतर कर सकूं। मैं कह सकता हूं कि हर परफॉर्मेंस के बाद मेरा चिंतित होना लाजमी है क्योंकि हर सफल व्यक्ति कभी भी अपने किए हुए कार्य से संतुष्ट नहीं रह सकता।

संवाददाता- आपका अगला कंसर्ट जो कि हांगकांग में है उसके विषय में आपका क्या कहना चाहेंगे ?

तन्मय मुखर्जी- हाँ मेरा अगला कंसर्ट हांगकांग में है । जहां पर मैं भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं । यह सोच कर मुझे बहुत जोश आता है कि मैं अपने देश का नाम विदेशों में रोशन कर रहा हूं।

संवाददाता- आप के सबसे पसंदीदा स्थान जहां पर आप परफॉर्मेंस दे चुके हैं या देना चाहते है उसके बारे में बताएं?

तन्मय मुखर्जी- मेरा सबसे पसंदीदा स्थान अभी तक का मलेशिया में कुआलालंपुर परफॉर्मिंग आर्ट सेंटर रहा है । जहां मैंने अपने देश का प्रतिनिधित्व गर्व से किया । कई देशों के लोगों ने आकर मेरी कला को सराहा । वहाँ मुझे बहुत प्यार मिला।

संवाददाता- आपके नक्शेकदम पर चलने के इच्छुक लोगों के लिए आपकी क्या सलाह होगी?

तन्मय मुखर्जी- मैं अपने साथ जुड़े लोगों को यही राय देता हूं कि जीवन में अगर आपको आगे बढ़ना है तो एक अच्छा इंसान बने । अपने गुरू तथा माता पिता का आशीर्वाद प्राप्त करें । जीवन में कभी भी किसी कला को लेकर घमंड नहीं करना चाहिए। हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि इस कला के द्वारा अन्य लोगों की सेवा कर सकें।

संवाददाता- अपने प्रशंसकों से आप क्या कहना चाहेंगे?

तन्मय मुखर्जी- मैं अपने प्रशंसकों से यही कहना चाहूंगा कि जो भी कार्य आप करें चाहे वो संगीत हो या आप किसी भी जॉब में हो अपनी पूरी ताकत उसको सफल बनाने में झोंक दें । आप किसी भी क्षेत्र में कार्य करते हों उस कार्य का पूर्ण ज्ञान व अनुभव अवश्य लें।