भीषण गर्मी में अस्पताल में लगे पंखे बिजली जाने के बाद हो जाते बन्द और स्वास्थ्य विभाग अपने में मस्त

            हरदोई– जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की तरह वार्डों में लगे पंखे भी बेदम हो गए हैं। पुराने लगे कई पंखे तो अब चलने लायक ही नहीं बचे हैं और कई मरम्मत के अभाव में इतनी धीमी रफ्तार से चलते हैं कि उनकी हवा भी नहीं लगती। नतीजतन, वार्डों में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों को गर्मी झेलनी पड़ रही है लेकिन चिकित्साधिकारियों, डाक्टरों और कर्मचारियों को मरीजों और उनके तीमारदारों को सुविधाओं से जैसे कोई मतलब नहीं है। गर्मी से परेशान कई मरीजों के तीमारदारों ने खुद ही अस्थाई व्यवस्था की है और कई मरीजोें और तीमारदारों को हाथ से चलने वाले पंखों दफ़्ती का सहारा लेना पड़ रहा है।
              जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने को बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, पर हकीकत में मरीजों को अस्पताल में साधारण मर्ज की दवा मिलनी भी मुश्किल है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था के कारण मरीज एक मर्ज की दवा लेने आता है और साथ मेें कई अन्य की सौगातें ले जाता है। मरीजों को भोजन के नाम पर भले ही लाखों रुपये व्यय हो रहे हैं, पर उनको सूखी रोटी के अलावा कुछ नसीब नहीं होता है। अस्पताल में लगे उपकरण भी कार्य नहीं कर रहे हैं।जिला अस्पताल में बिजली जाने के बाद हाथ के पंखे ही गर्मी से बचने में काम आते हैं। मरीजों के तीमारदार बिजली जाते ही हाथ पंखा लेकर ड्यूटी पर मुस्तैद हो जाते हैं।
              जिला अस्पताल के कई वार्ड के मरीजों की हालत लफ्जों में बयान की जा सकती है वही बर्न वार्ड में जले मरीजों को राहत देने में हाथ के पंखे नाकाफी साबित होते हैं।सुप्रीम कोर्ट का आदेश है जिला अस्पताल और कोर्ट को अनवरत 24 घंटे बिजली मिलनी चाहिए । चूंकि जिले में जिला अस्पताल के लिए अभी अलग से फीडर की व्यवस्था है बावजूद इसके यहां दिक्कतें ही मरीजों को उठानी पड़ रही है।यदि कभी बिजली गई तो इसके लिए जिला अस्पताल में जनरेटर लगाए गए हैं। समस्या यह है जिला अस्पताल में लगे जनरेटर पूरा लोड नहीं उठा पा रहे हैं। इस कारण बिजली जाने के बाद मरीजों का बुरा हाल हो जाता है।
           बिजली कटौती के दौरान मरीजों के तीमारदार हाथ के पंखे झलते रहते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा जिला अस्पताल का रहता है। लाइट जाने के बाद वार्ड नंबर 1 में तीमारदार हाथों में पंखा लिए मरीजों को झलते रहे।जिला अस्पताल में 62 केवीए का जनरेटर लगा हुआ है। लाइट जाने के बाद जब जनरेटर चलता है तो उससे एक्सरे मशीन व अन्य उपकरण चलाए जाते हैं। लोड न उठाने के कारण वार्ड की लाइट व पंखे बंद कर दिए जाते हैं। इस समय पड़ रही भीषण गर्मी में पंखे बंद होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। लाइट जाने के बाद वैसे तो सभी मरीजों को दिक्कत होती है लेकिन सबसे अधिक परेशानी डायरिया व बर्न के मरीज उठा रहे हैं।बिजली जाने के बाद पंखे तक नहीं चलते। यही हाल डायरिया के मरीजों का है। उल्टी दस्त से पीड़ित मरीज लाइट जाने के बाद भीषण गर्मी में इलाज करवाने को मजबूर हैं।