छुट्टा जानवरों से खेत में किसान तो सड़क पर राहगीर परेशान

मृत गौवंशों के सड़ने से संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना

कछौना, हरदोई । बारिश के मौसम के कारण छुट्टा गौवंश कछौना की सड़कों पर शाम होते बसेरा बना लेते हैं। लखनऊ पलिया मार्ग पर कोतवाली कछौना के पास, केदारनाथ फिलिंग स्टेशन सहित मार्गों पर बसेरा बनाए हुए हैं। जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं घटती हैं। राहगीर चुटहिल होते हैं। वहीं वाहनों की चपेट में आने से बेजुबान पशु चुटहिल होकर तड़प तड़प कर मरने को विवश है। 

वर्तमान समय में कृषि कार्य में पशुओं/सांड़ों की उपयोगिता न होने के कारण पशुपालक उन्हें छुट्टा छोड़ देते हैं। वही दूध न होने पर गायों को छुट्टा छोड़ देते हैं। गौ-संरक्षण एवं संवर्धन की योजनाएं कागजों पर फील गुड करा रही है। गौ-अस्थाई स्थल नाकाफी है। सरकार के पास छुट्टा गौवंशों की स्थाई कार्य योजना न होने का खामियाजा आम जनमानस/किसानों को झेलना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी सरकार ने जनता से वादा किया था, चुनाव के बाद छुट्टा गौवंशों की समस्या पर ठोस कदम उठाया जाएगा, परंतु चुनावी जुमला बनकर रह गया।                 

विकास खण्ड कछौना की ग्राम सभा बालामऊ में वृहद गौसंरक्षण केंद्र तकनीकी कमियों के कारण निर्माण अवधि बीत जाने के बाद भी अभी तक चालू नहीं हो पाया है। अभी वृहद गौ-संरक्षण केंद्र बालामऊ में बेरिकेडिंग, विद्युतीकरण आदि समस्या बनी है। वही नगर पंचायत कछौना पतसेनी में स्वीकृत कान्हा गौशाला की धनराशि अधर में लटकी है। कस्बे में रेलवे गंज वार्ड में एक सांड़ ने कुछ माह पूर्व बुजुर्ग पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। वह सांड अभी तक खुला घूम रहा है। मोहल्ले के लोग काफी भयभीत हैं। रात में निकलने से लोग डरने लगे हैं। सबसे ज्यादा बुजुर्गों  व बच्चों को खतरा बना है। छुट्टा गौवंशों का मुद्दा कई बार क्षेत्र वासियों ने प्रमुखता से उठाया परंतु जिम्मेदार कुम्भकर्णी नींद से नहीं जाग रहे हैं। छुट्टा गौवंशों की समस्या में पशुपालक भी कम दोषी नहीं है। वह आज भी गाय लगाने के बाद पशुओं को फिर छुट्टा छोड़ देते हैं। आय दिन सांडों की लड़ाई में राहगीर चुटहिल होते हैं।वर्तमान समय में हर गांव में मुख्य मार्गो के किनारे मृत गौवंश दिखाई पड़ रहे हैं। जिनके सड़ने से बदबू देने लगते हैं। उन्हें उठाकर निस्तारण करने वाला कोई नहीं है। 

ग्रामपंचायत के जिम्मेदारों का कहना है हमारे पास में पशुओं के निस्तारण का कोई मद नहीं है। वही खंड विकास अधिकारी कछौना का कहना है मुख्य मार्ग पर मृत गौवंशों के निस्तारण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग व एनएचएआई 731 के अधिकारियों की है। लोक निर्माण विभाग व एनएचएआई 731 के अधिकारियों का कहना है, हमारे पास मृत गौवंशों के निस्तारण का कोई प्रावधान नहीं है। पशु विभाग का कहना है, मृत पशुओं के निस्तारण की जिम्मेदारी संबंधित नगर निकाय व ग्राम सभा की है। जिसके कारण ग्राम सभा व हाइवे पर मृत पशु पड़े रहते हैं। लोग बदबू से परेशान हैं। वही ग्राम सभाओं में संक्रामक बीमारी फैलने की प्रबल संभावना है। 

   इस ज्वलंत समस्या के संदर्भ में क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के क्षेत्रीय संयोजक रामखेलावन कनौजिया ने बताया इस मुद्दे के लिए गांव-गांव जागरूकता अभियान चलाकर तहसील मुख्यालय का आंदोलन किया जाएगा।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता