हरदोई जिले में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए भेज कर परिजन निश्चिंत हो जाते है की उनकी बेटी अब वहां रहकर पढ़ेगी और खुस रहेगी।लेकिन बेटियों के साथ वहां क्या गुजरता है । इसका खुलासा तब हुवा जब एक गरीब बाप अपनी बीमार बेटी को गोद में उठाकर पुलिस अधीक्षक से न्याय और कार्यवाही की गुहार लगाने उनके आफिस पहुंचा और अपनी बेटी के सात हुवे शोषण की जानकारी दी। हरदोई जिले में कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों की हालत दिन प्रतिदिन बद से बदत्तर होती जा रही है।वहां की हॉस्टल व्यवस्था प्रश्न चिन्हो के घेरे में आती जा रही है।हालत ये है की अगर कोई छात्रा बीमार होती है तो उसके परिजनों को सूचना भी नहीं दी जाती है और न ही उसका उचित इलाज करवाया जाता है।यही नहीं जब कोई परिजन अपनी बेटी का हाल चाल जानने स्कूल जाता भी है तो वहां के स्टाप के लोग उससे बदसलूकी करते है और उसको बेटी से मिलने भी नहीं देते है।
ऐसा ही एक खुलासा आज तब हुवा जब आज कस्तूरबा विद्यालय सांडी में कक्षा आठ में पढ़ने वाली छात्रा गोल्डी को अपने गोद में उठाकर उसका गरीब पिता पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा। बीमार छात्रा का पिता रामु अपनी बेटी को गोद में इसलिए उठाये था की वो चलने में लाचार थी और ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थी। उसकी हालत देखकर अफजा लगाया जा सकता है की उसकी कितनी देखभाल की गई है। पिता रामू ने कस्तूरबा स्कूल प्रशासन पर बेटी का इलाज न करवाने और उसको इसकी सुचना न दिए जाने का आरोप लगाया और ये भी आरोप लगाया की जब वो बेटी से मिलने गया तो वहां स्टाप के लोगो ने उसके साथ गाली गलौज किया तथा बेटी से मिलने भी नहीं दिया । काफी मसक्कत के बाद वो अपनी बेटी को वहां से लाकर यहाँ फरियाद करने पहुँच पाया अगर कुछ दिन और इलाज न हुवा होता तो शायद इस छात्र की मौत भी हो सकती थी। अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी निधि सोनकर को जानकारी मिलते ही उन्होंने उसको अंदर बुलाया और उसकी पीड़ा सुनी। उन्होंने तत्काल जांच के आदेश देकर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश सम्बंधित थाना प्रभारी को दिए-और बीमार छात्रा को जिला अस्पताल भिजवाने की कार्यवाही करवाई।