लकड़कट्टों और वन कर्मियों के बीच हुई ताबड़तोड़ फायरिंग, अंधेरे में फायरिंग करते हुए फरार हो गए लकड़ी तस्कर

हरदोई- टडियावाँ थाना क्षेत्र में वन माफियाओं का कितना बड़ा साम्राज्य फैला है या फिर वह कितने बड़े दबंग है इस बात की हकीकत उस समय देखने को मिली जब सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लकड़कट्टों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। बचाव में वन विभाग की टीम ने भी कई फायर किए। इसी बीच अंधेरा का फायदा उठाकर वन माफिया मौके से फरार हो गए।

           यह सनसनीखेज वारदात टडियावा थाना के फुकहा गांव के पास की है। गांव निवासी राजेंद्र उर्फ धुन की ने वन विभाग की बिना अनुमति लिए ठेकेदार सोमपाल निवासी मानपुर से पेड़ों को बेच दिया था। जिस का कटान बुधवार की रात में किया जा रहा था। इस बात की जानकारी दूरभाष नंबर से वन विभाग को दी गई। जिससे वन दरोगा श्याम सिंह उपवन क्षेत्रीय अधिकारी रत्नेश श्रीवास्तव, वन दरोगा राम पार्ट कश्यप वनप्रसार कर्ता गजराज वर्मा मौके पर पहुंचे।जैसे ही हो गांव के पास प्राइमरी स्कूल के निकट उस स्थान पर पहुंचे जहां पर हरे पेड़ों का कटान हो रहा था। इसी बीच वन माफिया राजेंद्र सोमपाल आदि ने पुलिस पार्टी पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। किसी तरह से बचकर वन विभाग की टीम ने जवाब में फायरिंग की। जिससे वन माफिया अंधेरे का फायदा उठाते हुए फायरिंग करते हुए मौके से फरार हो गए। वहीं विभाग की टीम ने एक ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया है।ट्रैक्टर ट्राली में आम पेड़ की लकड़ी हुई थी। इसी की घटना क्षेत्रीय पुलिस को दी गई। पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि सुबह जब वन विभाग की ओर से कार्रवाई को लेकर पूछा गया। इस घटना से इनकार कर दिया।
 

तो क्या पुलिस की मिलीभगत से होता है कटान 

लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है वन विभाग की टीम से माफियाओं के बीच मुठभेड़ हुई लेकिन फिर भी स्थानीय पुलिस इस घटना से इनकार कर रही है। तो इस बात से साफ जाहिर होता है कि पुलिस की मिलीभगत से कटान किया जा रहा था। हालांकि इस मामले को लेकर लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।



माफियाओं की मदद में कई सफेदपोश 

वन माफिया जिन्होंने वन विभाग की टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। उन्ही की मदद में सत्ता पक्ष के कई सफेदपोश भी लगे हुए हैं। जो इस पूरी कार्रवाई को दबाने के प्रयास में है। हालांकि अधिकारी भी अपनी बात पर अडिग है।