● आज भगवान बुद्ध के संदेश अधिक प्रासंगिक हैं
● महाविद्यालय के प्रवेश द्वारा पर स्थापित भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा का किया गया पूजन
लखनऊ 26 मई। भगवान बुद्ध की 2565वीं जयंती पर डालीगंज के प्रतिष्ठित मनकामेश्वर मठ-मंदिर की श्रीमहंत देव्या गिरि जी महाराज की अगुआई में कला महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थापित भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। महंत देव्यागिरि ने कहा कि भगवान बुद्ध ने विश्व को समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व, करुणाशील और प्रज्ञा का संदेश दिया है जो आज अधिक प्रासंगिक हो गया है।
श्रीमहंत देव्यागिरि महाराज ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पीताम्बरी अंगवस्त्र और पुष्पों की माला अर्पित की। दीप प्रज्वलित कर विश्व में शान्ति और सौहार्द की कामना की। श्रीमहंत देव्यागिरि ने बताया कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन विशेष योग का महा पर्व है। भगवान बुद्ध का जन्म बैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर हुआ था। इसके साथ ही भगवान बुद्ध को ज्ञान और निर्वाण की प्राप्ति भी इसी दिन हुई थी। यह अपने में विरला संयोग है। उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध ने लोगों को मध्यम मार्ग का अनुसरण करने का संदेश दिया। दुःख और उसके कारण और निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग सुझाया। उन्होंने अहिंसा पर विशेष जोर दिया।
श्रीमहंत देव्यागिरि ने नदवा मार्ग पर मां गोमती की ओर मुख किये बैठी अवस्था की उस विशाल बुद्ध प्रतिमा की सार्थकता के संदर्भ में कहा कि यह प्रतिमा एक ओर कलाकारों और वास्तुकारों को प्रेरित करती है वहीं राहगीरों को भी प्रेम और बंधुत्व का संदेश देती है।
पहली बार साध्वियों के द्वारा हुई 11 वेदियों से मां गोमती की आरती
कोरोना में दिवंगत हुए लोगों की मुक्ति के लिए किया गया पूजन
पूर्णिमा के अवसर पर मनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से होने वाली आदिगंगा मां गोमती की महा आरती बुधवार को मनकामेश्वर घाट उपवन में पहली बार साधवियों की अगुआई में की गई। इस अवसर पर भगवान बुद्ध को नमन किया गया। उसके बाद कोरोना में दिवंगत हुए लोगों की मुक्ति के लिए प्रार्थना की गई। लॉकडाउन के कारण आयोजन को भव्यता नहीं दी गई थी। मनकामेश्वर घाट-उपवन परिसर में मनकामेश्वर मठ-मंदिर और ‘नमोस्तुते मां गोमती संस्थान की ओर से आयोजित इस महा आरती में आचार्य श्यामलेश ने मंत्रोचार किया। पहली बार श्रीमहंत देव्यागिरि की अगुआई में साधवी कल्याणी गिरि, गौरजा गिरि, रीतू गिरि के माध्यम से बनारस की तर्ज पर 11 वेदियों से आरती की गई। इसके साथ ही शंखनाद कर कोरोना के शमन और विश्व में शान्ति की भी कामना की गई।
इस अवसर पर उपमा पाण्डेय, रीता श्रीवास्तव, तुलसी पाण्डेय सहित अन्य उपस्थित रहीं। श्रीमहंत देव्यागिरि ने इस अवसर पर वैक्सीन और मास्क के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने लोगों का आवाह्न किया कि वह जरूरतमंदों की हर संभव मदद करें और घरों में रहते हुए अपने और जगत कल्याण के लिए जाप-पूजन जरूर करें।