राम जी का अवतार केवल निशाचरों को मारने के लिये नही मनुष्यो को शिक्षा देने के लिए हुआ : गोविंदाचार्य धीरेन्द्र सिंह

बावन (हरदोई)- ग्राम अनंगपुर में आयोजित श्री मद्भागवत कथा के तीसरे दिन गोविंदाचार्य जी महाराज ने श्री राम जन्म की कथा को सुनाते हुए कहा कि जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ गया तथा पृथ्वी व धर्म दोनों व्याकुल होकर भगवान की शरण मे गए तो प्रभु ने पृथ्वी का भार दूर करने के लिए अवतार लिया ।

जब जब होइ धरम की हानी, बाढ़इ असुर अधम अभिमानी । तब तब लइ प्रभु बिबिध शरीरा, हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा ।

परमात्मा श्री राम ने दशरथ के यहाँ अवतार लिया और फिर बाल लीला दिखाई । जब महाराज दशरथ भोजन करने बैठते है तो अपने पुत्र राम को बुलाते किंतु प्रभु नही आते और अपने मित्रों के साथ खेलने चले जाते हैं । गुरुदेव वसिष्ठ के सानिध्य में विद्याध्ययन किया तो प्रभु सब कुछ जानते हुए भी गुरु जी के सामने अनजान बनते है ।

भगवान श्री राम का चरित्र हम सभी के जीवन मे उतारने योग्य है । जो उन्होंने किया वह हमे भी करना चाहिए । राम जी के बताये मार्ग पर यदि हम चले तो हमारा मनुष्य जीवन सार्थक हो जायेगा । इस बीच कथा के मुख्य यजमान कौशल फौजी, अमित सिंह , विवेक सिंह, दिनेश पाठक एवं बहुत से भक्त उपस्थित रहे ।