लोकसभा में लगातार अपना पांचवां बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आने वाले वित्त वर्ष में सरकार का ध्यान कृषि और ग्रामीण भारत पर होगा। उन्होंने घोषणा की कि सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होगा, जो उत्पादन लागत से डेढ़ गुना अधिक होगा। श्री जेटली ने कहा कि यह किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
रबी की अधिकांश अधिघोषित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से कम से कम डेढ गुना तय किया जा चुका है। अब हम बची हुई अधिघोषित फसलों के लिए भी इस संकल्प को एक सिद्धांत की तरह लागू करने का फैसला लिया है। किसान क्रेडिट कार्ड अब मछुआरों और पशु पालकों को भी मिलेगा। कृषि बाजारों के विकास के लिए दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि सौ करोड़ रुपये तक कारोबार करने वाली कृषि उत्पाद कंपनियों को शतप्रतिशत कर में छूट मिलेगी। इससे ढाई लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। श्री जेटली ने घोषणा की कि कृषि ऋण के लिए प्रावधान दस लाख करोड़ रुपये से बढा़कर 11 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।