ज़किया जाफरी की याचिका को गुजरात उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है । याचिका में ज़किया जाफरी ने एसआईटी के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें 2002 के गोधरा कांड में बाद में हुए दंगों की साजिश के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया था । मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने दिसम्बर 2013 में एसआईटी के फैसले को सही ठहराते हुए अहसान जाफरी हत्याकाण्ड में मोदी सहित अन्य लोगों की भूमिका से इंकार कर दिया था । साथ ही ज़किया जाफरी को न्यायालय ने शीर्ष न्यायालय में अपील की मंजूरी दे दी है । ज्ञात हो कि अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में वर्ष 2002 में कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद अहसान जाफरी सहित 68 लोगों की उन्मादी भीड़ ने निर्मम हत्या कर दी थी । वैसे गुलबर्गकाण्ड गोधरा ट्रेन काण्ड का रिएक्शन था । ड़किया के साथ ही अल्पसंख्यकों की राजनीति करने वाले समय-समय पर श्री मोदी के साथ ही अमित शाह और उनके करीबियों को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं और गुलबर्ग से पहले की घटना पर मौन व्रत भी धारम करते रहे हैं ।
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