शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर साहित्य संगम संस्थान में गुरु-गोविंद सम्मान से नवाजे गये शिक्षक एवं शिक्षिकायें

बधाई पत्र एवं प्रमाण पत्र भी बाँटे गये

भवानीमंडी:- मानव जाति का विकास प्रगति व अनुभव, अनुसंधान व प्रयोग के आधार पर ही हुआ । प्रत्येक दिन मनुष्य को नया अनुभव होता है और यह अनुभव हमारे ज्ञान को बढ़ाता है । किंतु सही क्या है गलत क्या है जो इन सब में सत्य का भान करा कर सही मार्ग पर चलनें की प्रेरणा दे वही गुरु कहलाता है ।

चाहे वह छोटा हो अथवा बड़ा जिससे हमें सच्ची शिक्षा मिले वही सही गुरू है । प्राचीन काल में विद्यार्जन हेतु गुरुकुल बने थे जहां गुरु शिष्य को ज्ञान दे साक्षर करते थे । आधुनिक समय में विद्यालय, विश्वविद्याल व अन्य शिक्षा के माध्यम बने जहां शिक्षा देने हेतु शिक्षक नियुक्त किये गये और विद्यार्थी विद्यार्जन करने लगे ।

पांच सितम्बर सर्वपल्ली डॉ० राधाकृष्णन जी की जन्मतिथि के उपलक्ष्य में (शिक्षक थे वह ) शिक्षक दिवस मनाया जाता है । साहित्य संगम संस्थान में साहित्य सेवा करने वाले सभी शिक्षकों को सम्मानित किया गया । पांच सितम्बर को मुख्य मंच एवं नारी मंच के सभी साहित्य शिक्षकों को संस्थान की तरफ से शुभकामनायें देते हुए प्रमाण पत्र वितरित हुये ।