”हमे अपना चरित्र स्वयं गढ़ना होगा”– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बीना मे उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश-शासन, भोपाल के तत्त्वावधान मे २८ मई को एकदिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन ‘व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण’ विषय पर किया गया, जिसमे मुख्य वक्ता के रूप मे प्रयागराज से भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय को निमन्त्रित किया गया था। आचार्य ने अपने निवास अलोपीबाग़, प्रयागराज से व्याख्यान करते हुए कहा, ”हमे अपना चरित्र स्वयं गढ़ना होगा। आत्मिक गुण का विकास करते हुए, हम समाज का प्रतिनिधित्व कर सकते हैँ। हमारा चरित्र दूषित रहेगा तो वैसा ही ज्ञान प्राप्त होगा, इसलिए अपने व्यक्तित्व को अनुकरणीय बनाने के लिए लोकोपयोगी कर्म करने के प्रति सन्नद्ध रहना चाहिए।” आचार्य ने आगे कहा, ”व्यक्तित्व-विकास एवं चरित्र-गठन के द्वारा लोककल्याणकारी राष्ट्र का विकास किया जा सकता है और समाज का कल्याण भी।” इसी क्रम मे किरोड़ीमल महाविद्यालय, दिल्ली से मंजु रानी द्वारा व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र निर्माण के विभिन्न आयामो पर श्रोताओं को अवगत कराया गया। स्वागत उद्बोधन प्राचार्य डॉ० रेखा बरेठिया द्वारा किया गया। कार्यक्रम के संयोजक गौरव नैलवाल ने बताया, ”राष्ट्रीय वेबीनार में प्रस्तुत होने वाले सभी शोधपत्रोँ का प्रकाशन आईएसबीएन पुस्तिका में किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ० एम० एल० सोनी ने किया तथा आभार डॉ० ए० के० जैन द्वारा किया गया। शासकीय स्नातकोत्तर, गढ़ाकोटा, सागर मे हिन्दीविभागाध्यक्ष डॉ० घनश्याम भारती की भी उपस्थिति रही।

इस अवसर पर अध्यापकोँ, शोधार्थियोँ, सामान्य विद्यार्थियोँ प्रतिभागी तथा महाविद्यालय के अध्यापकोँ-सहित छात्र-छात्राओँ की उत्साहपूर्ण सहभागिता देखी गयी।