उच्चतम न्यायालय, मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक और बहु–विवाह की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 11 मई से सुनवाई शुरू करेगा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ग्रीष्म अवकाश के दौरान संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 27 मार्च को कहा था कि मुस्लिम समुदाय में जारी प्रथाओं को चुनौती देने वाली याचिकाएं न्यायपालिका की परिधि से बाहर हैं और इन पर सुनवाई नहीं की जा सकती। शीर्ष न्यायालय इससे पहले कह चुका है कि वह तीन तलाक, निकाह हलाला और बहु–विवाह जैसे मुद्दों के कानूनी पक्ष पर विचार करेगा।