
हिन्दी ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सम्पूर्ण राष्ट्र में समन्वय का काम किया। अब, हिन्दी राष्ट्र की समृद्धि में सहायक का काम कर रही है। हिन्दी केवल राजभाषा नहीं है बल्कि, हिन्दी भाषाओं की मातृत्व भाषा है। संस्कृति से निकली हिन्दी का विस्तार उसके मिठास के कारण हुआ। हिन्दी के कारण स्वतंत्रता आंदोलन में पैदा हुए तेज को नष्ट करने का काम अंग्रेजो और कांग्रेसी सरकारों ने किया, लेकिन अब एक बार फिर राजभाषा हिन्दी के माध्यम से देश विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।