“तू सदा प्रचण्ड था, तेरे जागने की देर है।”
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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बीसलपुर, पीलीभीत द्वारा ‘नयी शिक्षा-नीति एवं मातृभाषा के आलोक में शब्दसंधान’ विषय पर आयोजित त्रिदिवसीय राष्ट्रीय कर्मशाला के अन्तर्गत तृतीय और समापन- दिवस पर प्रयागराज से पधारे भाषाविज्ञानी तथा समीक्षक आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने मुख्य अतिथि के रूप मे बताया, ” मातृभाषा हिन्दी की उपयोगिता और महत्ता हमारे-आपके जीवन के साथ जुड़ी हुई है। हिन्दी हमारी रग-रग मे है और श्वास के कण-कण मे भी। यही कारण है कि यदि देश का कोई भी व्यक्ति अपनी मातृभाषा के अभाव मे जीता हो तो उसका जीवन व्यर्थ है।”
तीसरे और समापन-दिवस की कर्मशाला अन्य दिनो से हटकर रही, जिसके अन्तर्गत मार्गदर्शक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने प्रशिक्षणार्थियों को मंच पर बुलाकर उनसे क्लिष्ट शब्दलेखन कराये थे, जिनमे प्रत्युत्पन्नमति, पुनर्भू, शुश्रूषा आन्तर्जालिक, ‘इण्टरनेशनल’ के अर्थ मे अन्तरराष्ट्रीय आदिक शब्दों को श्वेत पट्ट पर लिखने और उनका अर्थ बताने के लिए कहा। उन्होंने मनुष्य के अवस्था-चक्र को समझाया; पाठशाला, विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय आदिक को सोदाहण समझाया।
कर्मशाला के समापन-चरण मे एक कविसम्मलेन का आयोजन किया गया जिसमें परिषदीय, माध्यमिक शिक्षकों तथा डाइट के प्रवक्ताओं ने अपनी कविताओं से वातावरण को सतरंगी रूप प्रदान किया था।
कंपोजिट विद्यालय नौगवाँ संतोष के शिक्षक रतनलाल ने ‘कलम और व्रत’ शीर्षक से “कविता पुनीत है” सुनाया। आदेश कॉलेज आफ एजुकेशन की शिक्षिका निशा देवी ने ‘प्रेरणा’ शीर्षक कविता सुनाया, ”तू सदा प्रचण्ड था, तेरे जागने की देर है।” कंपोजिट विद्यालय मरैना के शिक्षक कुलदीप सिंह ने ‘सरकारें बदल गईं मगर किरदार नहीं बदला’ शीर्षक से “आँसूओं मे डूबा हुआ त्योहार” सुनाया।प्राथमिक विद्यालय आदिलाबाद के शिक्षक नीरज कुमार त्रिपाठी ने ‘शिक्षा से होती सुशोभित धरा, धरिणी को धरि धीर सजाइए” सुनाया। उच्च प्राथमिक विद्यालय गाजीपुर कुंडा की शिक्षिका मीना गंगवार ने ‘भ्रूण हत्या’ विषय पर रचना सुनाकर वातावरण को शोचनीय बना दिया था। कंपोजिट विद्यालय शहबाजपुर बीसलपुर के शिक्षक अखिलेश शास्त्री ने ‘क्या फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा है’ सुनाकर व्यवस्था के अत्याचार को नंगा करके चौराहे पर ला खड़ा कर दिया था। प्राथमिक विद्यालय खिरकिया के शिक्षक सतीश प्रणामी ने “मैं पुत्र हूँ उसका” सुनाकर अपने पिता के प्रति सच्ची भावांजलि प्रस्तुत की थी। उच्च प्राथमिक विद्यालय खनंका की शिक्षिका रेनू सैनी ने कुमार विश्वास की कविता “कोई दीवाना कहता है” का गायन किया। डाइट के डी० एल० एड० प्रशिक्षु मोहक मिश्र ने ”चींटी को देखा; हाँ-हाँ चीटी को देखा” सुनाकर कर्त्तव्यशीलता और प्रयत्नशीलता का बोध कराया। डाइट प्रवक्ता श्रीकान्त मिश्र ने मतदाता जागरूकता पर “वोट डालियो जरूर खाना खाओ या न खाओ” नामक हास्य-व्यंग्य की कविता सुनाकर श्रोताओं को हँसाया। अन्त मे, मुख्य अतिथि और मार्गदर्शक आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने ग़ज़ल पेश की, जिसका एक शे’र था, “निगाहें ग़र तलाशी लेने पे उतर आयें, ज़बाँ को तसल्ली दे, मुसकान लाइए।”
कर्मशाला के समापन पर आचार्य ने समुपस्थित प्रशिक्षकों को आशीषवचन देते हुए कहा, “समस्त प्रशिक्षणार्थी शुद्ध शब्द-ज्ञानार्जन कर उसे अन्य विद्यार्थियों और अध्यापक-अध्यापिकाओं तक प्रचारित-प्रसारित करते हुए, अपने जीवन का हेतु सिद्ध करें।डाइट-प्राचार्य एवं उपशिक्षा-निदेशक महेन्द्रकुमार सिंह ने समस्त अभ्यागतवृन्द के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मातृभाषा का सही ज्ञान प्राप्त करने के प्रति आपका उद्देश्य सुस्पष्ट होना चाहिए। हमने तीन दिनो मे आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जी के मार्गदर्शन मे जितना सीखा है, वह हम सबके लिए एक प्रकार से दुर्लभ वस्तु की प्राप्ति के समान है।”
इस अवसर पर आचार्य को स्मृतिचिह्न भेंटकर सम्मानित किया। डी० एल० एड० की छात्र-छात्राओं ने अपनी-अपनी ओर से आचार्य को सारस्वत भेंट की। मुख्य अतिथि और कर्मशाला के अध्यक्ष ने सभी सहभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान कर त्रिदिवसीय भव्य राष्ट्रीय आयोजन की घोषणा की।
उक्त कर्मशाला मे जनपद के समस्त निजी डी०एल०एड० संस्थान के डी०एल०एड० २१ एवं डी०एल०एड० २३ के प्रशिक्षु, हिन्दी-विषय के प्रवक्ता तथा समस्त विकास खण्ड के हिन्दी विषय के ए०आर०पी० तथा शिक्षकों की प्रभावपूर्ण भागीदारी रही। कर्मशाला में शिक्षक चन्द्रजीत यादव, नीरज कुमार त्रिपाठी, कुलदीप सिंह, रत्नलाल, विजय कुमारी,संजीव तोमर, सतीश प्रणामी डाइट के डी० एल० एड० २०२२ बैच के प्रशिक्षु अनीता देवी, नीतू देवी, केशरी लाल, सर्वेश कुमार, हर्ष कनोजिया, शैलेन्द्र विजय कुमार ने सजग रूप से सक्रिय सहभागिता की। इस अवसर पर डाइट के वरिष्ठ प्रवक्ता श्रीकान्त मिश्र, अनिता कुमारी, स्मिता लोधी, मेघा अग्रवाल, स्वदेश कुमार, अमित गंगवार, नीलेश नाथ, अमित कुमार शर्मा, आसाराम, मोहम्मद मोबीन, रवीन्द्र कुमार तथा समस्त कार्यालयीय कर्मी, मीडियाबन्धु उपस्थित रहे।