‘हिन्दी में’ संस्था द्वारा आयोजित हुआ कविता यात्रा का कार्यक्रम ‘कविताई’

‘हिन्दी में’ साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित ‘कविताई’ (चैप्टर तीन) हुआ भव्य और ऐतिहासिक रूप से संपन्न

‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया’
मजरूह सुल्तानपुरी का यह शेर ‘हिन्दी में’ संस्था द्वारा आयोजित कविता यात्रा का कार्यक्रम ‘कविताई’ पर सटीक बैठता है।

शनिवार 23 सितंबर को ‘हिन्दी में’ साहित्यिक संस्था द्वारा आयोजित ‘कविताई’ (चैप्टर – तीसरा) कार्यक्रम भव्य और ऐतिहासिक रूप से लखनऊ के श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ।

इस कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों के रूप में लखनऊ से नरेंद्र भूषण, नेहा खरे,पूजा अग्रवाल,शिल्पा शुक्ला, डी.के शर्मा आदि साहित्य साधकों की उपस्थिति प्रार्थनीय रही।

देशभर के सुप्रसिद्ध रचनाकारों के रूप में ज्ञान प्रकाश आकुल, कवि दिव्येंदु दीपक, लोकेश त्रिपाठी,प्रदीप बहराइची, विक्रम मिश्र ‘अनगढ़’, डॉ. शिवांकित तिवारी ‘शिवा’,अभिनव श्रीवास्तव ‘अमन’, वैष्णवी सिंह, योगेंद्र योगी,शुभम तिवारी आदि कवियों ने काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन अभिनव और वैष्णवी ने किया।

‘कविताई’ कार्यक्रम की इस पहल में प्रायोजक के तौर पर जिद्दी डिटर्जेंट वॉशिंग पाउडर,स्वप्न फाउंडेशन, डिजी मॉन्क,गोल्डन पेन क्लब, फोटोग्राफी क्लिक लखनऊ, डॉ. शुभम दुबे,मिली तृष्णा पांडे ने पूरी उत्सकुता के साथ कार्यक्रम को सफ़ल बनाने में अपना अतुलनीय योगदान दिया।

कार्यक्रम के आयोजक डॉ. शिवांकित तिवारी ने बताया कि लखनऊ प्राचीन समय से ही साहित्य,कला और संस्कृति का गढ़ रहा है और यहां का साहित्यिक गौरव सदैव से दैदीप्यमान रहा है अत: यहां निरंतर साहित्यिक आयोजन कराना और साहित्य की लौ को जलाये रखना हमारी मूलभूत जिम्मेदारी है और हम सदैव साहित्य की दिशा में ऐसे ही निरंतर आयोजन कराते रहेंगे।

‘हिन्दी में’ संस्था साहित्य,सृजन और शिक्षा के उद्देश्य को लेकर देशभर के विभिन्न शहरों में कविता यात्राएं आयोजित कर रही है और यह कविता यात्रा तीसरा पड़ाव था जिसे लखनऊ के साहित्य प्रेमियों ने अभूतपूर्व प्रेम दिया है कविता यात्रा का अगला चरण शीघ्र आयोजित किया जायेगा।

कार्यक्रम के आयोजक सदस्य डॉ. शिवांकित तिवारी ने इस आयोजन को सफ़ल बनाने हेतु राजधानी लखनऊ के समस्त साहित्यप्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।