हिन्दी-कविता : बंधुत्व


यह देश है हमारा ,
हम सब वतन के रखवाले हैं।

हम भारत के शूरवीर हैं ,
जनचेतना कर्मवीर हैं ।

हम सब में अपनत्व नहीं ,
हममें बंधुत्व की भावना है।

हममें भेद नहीं ,
बैरी की खैर नहीं ,

हमारा दायित्व है ,
देश में सुख शांति हो ।

हम सब बंधु हैं ,
साथ मिलकर
वतन का मान बढ़ाएंगे।

राष्ट्र की उन्नति में ,
हम सबका योगदान है ।

विश्व पटल पर ,
भारत की शान है।

यह मुल्क हमारा है ,
हम सब भारत माता की संतान हैं।

—–चेतना चितेरी , प्रयागराज उत्तर प्रदेश