शिक्षण-संस्थान हो तो ‘हिन्दी-संसार’-जैसा

१० जनवरी को प्रयागराज के प्रतिष्ठित टी० जी० टी०-पी० जी० टी०-शिक्षा-प्रशिक्षा-संस्थान ‘हिन्दी-संसार’ की ओर से ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ के अवसर पर संस्थान तथा उसके बाहर के विद्यार्थियों के लिए शुद्ध और उपयुक्त शब्द-प्रयोग के प्रति सजगता बरतते हुए, शब्द-सामर्थ्य का कैसे विस्तार किया जाये, इसे सोदाहरण समझाना अच्छा लगा। लगभग सभी प्रशिक्षणार्थियों के चेहरे पर जिस उत्सुकता और जिज्ञासा की रेखाएँ दिख रही थीं, उनको पढ़ने के बाद अनुभव हो रहा था कि उन्हें सीखना है; समझना है तथा अपने भविष्य को समुज्ज्वल करने के लिए उस सीख और बोध को पुष्ट करना है।

इसी अवसर पर संस्थान-निदेशक हमारे पुरुषार्थी शिष्य अशोक स्वामी जी ने प्रतिभाखोज-परीक्षा की विजेता-विजेत्रियों को संस्थान की ओर से लाखों रुपये की धनराशि उपलब्ध कराकर अपने जिस सौजन्य का परिचय दिया है, वह देश के शेष शैक्षिक संस्थानो के लिए एक अनुकरणीय दृष्टान्त है।