हिंदूराष्ट्र बनाम न्यायराष्ट्र

हिंदूराष्ट्र, इस्लामिकराष्ट्र या कोई अन्य राष्ट्र में यदि चारों न्यायशील जनाधिकार (पूर्णशिक्षा-प्रशिक्षण/पात्रतानुसार रोजगार/सार्वजनिक सेवा-सुविधा/संरक्षण) नागरिकों को ना मिलें तो वे सभी अन्यायराष्ट्र ही सिद्ध होंगे।

◆ प्रत्येक नागरिक को 4 से 25 वर्षीय उम्र तक पूर्ण निःशुल्क, अनिवार्य, अबाध्य शिक्षा-प्रशिक्षण।
◆ प्रत्येक परिवार को मानवजीवनविकासक्रम के चारों कर्मकौशल (PQ-IQ-EQ-SQ) की पात्रता सिद्धि के बाद प्रतिपरिवार एक रोजगार।
◆ प्रत्येक ग्राम/मोहल्ला को समानुपातिक रूप से औसत मध्यम आवश्यकतानुसार निःशुल्क सार्वजनिक सेवा-सुविधा (सड़क-पीने का साफ पानी-बिजली-संचार-परिवहन इत्यादि)।
◆ प्रत्येक समुदाय को बीमा/बैंकिंग/स्वास्थ्य/पेंशन/सेल्टरिंग इत्यादि संरक्षण सेवाएँ इत्यादि।

किसी भी राष्ट्र/राज्य के नागरिकों के उपरोक्त चारों जनाधिकार जहाँ भी मिलेंगे वहीं न्यायराष्ट्र कहलायेगा।
और किसी भी देश/प्रदेश के नागरिक तब उसी राष्ट्र/राज्य के नागरिक कहलाने में स्वेक्षिक रूप से गौरव महसूस करेंगे।
फिर चाहे वो हिन्दुराष्ट्र हो या इस्लामिकराष्ट्र या अन्य नामित राष्ट्र।

फिलहाल तो
भारतीय हिंदू शासक-प्रशासक 85% हिंदू नागरिकों के साथ ही न्याय नहीं करना चाहते हैं, आज़ादी से अबतक सब नरकतुल्य जीवन जीने पर मजबूर है।

तो फिर उन्हें हिंदूराष्ट्र क्यो चाहिए?

अभी तक दुनिया के किसी भी राष्ट्र में 100% व्यवस्थागत न्याय स्थापित नही किया गया।

सर्वप्रथम भारत में व्यवस्थागत न्याय स्थापना करने की पहल आमआदमीपार्टी-दिल्ली (AAP) ने किया जिसके तहत दिल्लीवासियों को उनके न्यायोचित चारों जनाधिकारों को समुचित रूप से वितरित करने का काम कर रही है।और इन्ही न्यायप्रस्तावों को राष्ट्र के विभिन्न सरकारों व बुद्धिजीवी जनता के समक्ष रखने व जनमानस में प्रचारित करने का कार्य पिछले 8 वर्षों से अनवरतरूप से कर रही हैं।

इसबार आमआदमीपार्टी राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान में पंजाब, गोवा, उत्तराखण्ड एवं खासकर उत्तरप्रदेश में व तमाम उन राज्यों में उपरोक्त न्यायशील चारों जनाधिकारों के दिल्ली मॉडल को जन-जनतक पहुंचाने का कार्य कर रही है अपने प्रचार माध्यमों द्वारा ताकि देश के विभिन्न राज्यों की जनता जानकार व जागरूक बनें।

और पिछले 75 वर्षों से विभिन्न राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा थोपे गए अन्यायजनित कार्यक्रमों से मुक्त होकर अपने वास्तविक चारों जनाधिकारों के प्रति सजग होकर आमआदमीपार्टी को रक्षार्थ विकल्प के रूप में इन धूर्त पार्टियों के सामने रख सके।

आप सभी देशवासियों से विनम्र आग्रह है कि आप सब हिन्दुराष्ट्र, इस्लामिकराष्ट्र व अन्य किसी भी सामुदायिक राष्ट्रीयता की बजाय अब आमआदमीपार्टी द्वारा दिल्ली मॉडल के रूप में प्रस्तावित न्यायराष्ट्र/राज्य बनाने में आमआदमीपार्टी को अपना विकल्प बनाएं।

आओ मिलकर हिन्दू/मुस्लिम राष्ट्र की बजाय एक न्यायराष्ट्र बनाने की ओर अग्रसर हों।


राम गुप्ता (स्वतंत्र पत्रकार)
साधारण प्रचारक/कार्यकर्ता
आम आदमी पार्टी, उत्तरप्रदेश