● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
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आज (१३ नवम्बर) उच्चतम न्यायालय की ओर से अकर्मण्य सरकारोँ-द्वारा अवैध ढंग से जे० सी० बी० (जोसेफ़ सायरिल बम्फोर्ड) (‘बुल्डोजर’ का प्रयोग ग़लत है।) से किसी के भी घर को गिराने के विरुद्ध जो दिशानिर्देश सार्वजनिक किया गया है, वह स्वागतयोग्य है।
● राज्य न्यायपालिका का स्थान नहीँ ले सकता।
● एक व्यक्ति की ग़लती की सज़ा पूरे परिवार को नहीँ दी जा सकती।
● घर गिराने से पहले निबन्धित डाकसेवा के अन्तर्गत नोटिस भेजकर १५ दिनो का समय दिया जाये वा घर के बाहर नोटिस चिपकायी जाये। नोटिस की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी दी जानी चाहिए।
● यदि कोई आरोपित (यहाँ ‘आरोपी’ अशुद्ध है।) है तो इस आधार पर उसका घर नहीँ गिराया जा सकता।
● सत्ता का ग़लत उपयोग करनेवाले अधिकारियोँ को बख़्शा नहीँ जायेगा।
● तोड़फोड़ की काररवाई का चलचित्रांकन भी हो।
● निर्देशोँ का पालन न करने पर इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा।
● सार्वजनिक भूमि-अधिग्रहण पर यह दिशानिर्देश लागू नहीँ होगा।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १३ नवम्बर, २०२४ ईसवी।)