शिवसेना के द्वारा विपक्षी दलों के उप राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी का राष्ट्रवाद की भावना के आधार पर विरोध के बाद श्री गाँधी ने कहा कि वह हमेशा फांसी दिए जाने के विरोधी रहे हैं । आगे श्री गाँधी का कहना था कि वह मृत्युदंड का समर्थन किसी सूरत में नहीं कर सकते हैं। कांग्रेस सहित 18 विपक्षी दलों के उम्मदीवार के रूप में श्री गांधी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में संसद भवन परिसर में कहा कि वह किसी भी अपराध के लिए फांसी की सजा दिए जाने के विरोधी हैं।
आगे गोपालकृष्ण गांधी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा का उनके दो पुत्रों ने यह कहकर विरोध किया था कि बापू के हत्यारों को मृत्युदंड नहीं दिया जाना चाहिए।