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अधिकारियों के संरक्षण में बड़े पैमाने पर क्षेत्र में हो रहा सफेद जहर का व्यवसाय

*कछौना(हरदोई):* कच्ची शराब यानी सफेद जहर का व्यवसाय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में फल-फूल रहा है। कच्ची शराब पीकर गांव में लड़ाई-झगड़ा व चोरी की घटनाओं में इजाफा होता है। कोतवाली क्षेत्र के सैकड़ों गांवों में कच्ची शराब की भट्ठियां अंधाधुंध धधक रही हैं।यह शराब का धंधा कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। जिसमें पुरुष, महिलाएं, बच्चे शामिल हैं। जब राज्य में कहीं कोई बड़ी अनहोनी घटना कच्ची या जहरीली शराब की वजह से घटती है तो शासन की वाहवाही लूटने हेतु क्षेत्र में छिटपुट अभियान चलाकर व खानापूर्ति कर अपने कर्तव्यों की इति-श्री कर लेते हैं।
पुलिस व आबकारी विभाग की मिलीभगत के चलते शराब माफियाओं का व्यवसाय बेखौफ चल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के अतरादून, जसवंतपुर, कलौली, बालामऊ कस्बे का नटपुरवा, पल्लेपार, कन्था, सांता, टिकारी, पकरियाऊसर, बहदिन, कमालपुर, समशेर नगर, शंकर खेड़ा, प्रतापपुर, पंजाबीझाला, गोठवा, अंटा, महरी, सेमरा, नारायण देव, तुसौरा, निर्मलपुर, बाण, फॉर्म खेड़ा, हरदेवन खेड़ा, महिपाल खेड़ा आदि सैकड़ों गांवों में खुलेआम शराब की भट्टियां धधक रही हैं, वहीं कस्बे की गोपी मार्केट में नटपुरवा की महिलाओं द्वारा खुले तौर पर बाजार में कच्ची शराब के पाउच धड़ल्ले से बिक्री होते हैं। शिकायत करने वाले को अनावश्यक प्रताड़ित किया जाता है। उस पर अनर्गल आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। पूरे प्रकरण की शिकायत सामाजिक संगठनों द्वारा पुलिस महानिरीक्षक से की गई थी। जिस पर शुक्रवार को आबकारी निरीक्षक दिलीप वर्मा की टीम आर०ए० सरोज, ए०के० श्रीवास्तव व रामप्रकाश, उप निरीक्षक संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कस्बे के नटपुरवा में छापा डाला, जिसमें चार अभियुक्त रामकिशन राठौर, रामखेलावन, पुरुषोत्तम, उर्मिला के पास से 55 लीटर कच्ची शराब व उपकरण बरामद किए। लगभग 200 किलो० लहन नष्ट किया गया। इन लोगों के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर इन्हें जेल भेज दिया गया। इस अभियान से कच्ची शराब माफियाओं में हड़कंप मच गया हैं।

वही इस अभियान की जानकारी मिलते ही अन्य शराब माफिया मौके से भाग गये, कार्यवाही न होने के कारण कच्ची शराब माफियाओं पर अंकुश नहीं लग पाता है। ग्रामीणों के अनुसार बिना पुलिस और आबकारी की मिलीभगत के चलते यह धंधा नहीं चल सकता है। यह सब माहवार पुलिस व आबकारी विभाग को चढ़ावा चढ़ाते हैं। जिसके चलते क्षेत्र में कच्ची शराब का धंधा धड़ल्ले से फल-फूल रहा है।


*रिपोर्ट- पी०डी० गुप्ता*