केन की धार पर खनन की मार

आशीष सागर-


मध्यप्रदेश में अवैध खनन की पेशगी में रेत खदान धुरारा,छतरपुर को लीजिये । यहां निविदा प्राप्त ठेकेदार रामनरेश शर्मा तथा इलाके मे अपराधी छवि रखने वाले बालूमाफियाओं अवधकिशोर मिश्रा,लखन पचौरी,ओमप्रकाश तिवारी लोगों की मदद से 2 करोड़ 15 लाख मे मिली 5 वर्ष की लीज पर महज डेढ़ वर्ष मे ही 200 करोड़ का अवैध खनन किया है एवं अनवरत यह होता है ।
धुरारा गांव के चारों तरफ उपलब्ध किसानों की निजी भूमि मे 4-5 फीट मिट्टी हटाने के बाद उपलब्ध रेत के विशाल भंडार का अंधाधुंध दोहन कर ग्राम धुरारा के अस्तित्व को खतरे मे डाल दिया है । ग्रामवासियों का कहना है कि 2004 तथा 2016 जैसी बाढ़ का सामना अगर हमे करना पड़ा तो हम गरीबों का गांव पानी के साथ बह जाएगा ।
बालूमाफियाओं के द्वारा भारत की सबसे निर्मल केन नदी युग युगान्तर से बहने वाली अविरल धारा को मोड़ने तथा प्रकृति प्रदत्त नदी के श्वरूप का सत्यानाश कर केन नदी का सीना छलनी कर NGT के नियमो की धज्जियाँ उड़ाई हैं । प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से 9-10 पॉकलैण्ड मशीनों की सहायता से अवैध खनन का घिनौना कृत्य अनवरत जारी है । छतरपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता बीरेंद्र विश्वकर्मा कहते है कि मेरा इस अवैध खनन पर लगातार विरोध है । मुझे जान से मारने के लिए दो बार गोलियां चलाई गई है । एमपी के प्रकृति प्रेमी इन मुद्दों पर एकजुट नहीं है । संवाद और चर्चा की बात अलग है । मैंने बीते दिन “mining surveillance system” the space technology आसमान से एक दिव्य नजर , के द्वारा इसकी जांच करवाए जाने के संबंध मे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है पर अभी तक कुछ होता नहीं दिख रहा है । यूपी बुन्देलखण्ड भी यूँ ही केन पर अवैध खनन की मार झेलता। आ रहा है । सोशल मीडिया पर ये मुद्दे खामोश क्यों रहते है क्या कोई एक बार खुलकर बोलेगा ?