सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

‘चौकीदार’ और ‘पोस्टर ब्वॉय’! उत्तरप्रदेश में, ‘अग्निपरीक्षा’ के लिए तैयार रहो

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय


जिन किसानों के पास १०, १५, ३५ रुपये के चेक़ ‘किसान ऋणमाफ़ी’ के रूप में भेजकर उनका अपमान किया गया है और उनकी दुर्दशा की गयी है, अब उन्हें सियासी दाँव-पेच से तन-मन घायल करनेवालों को सूदसहित मूलधन वसूल करते हुए, ‘धूल’ चटाने के लिए सुनहरा अवसर पाँच सालों के बाद मिलने जा रहा है।
लखनऊ में अपने न्यायिक अधिकार की माँग कर रहे बी०एड्०-टेट’ के अभ्यर्थियों के भविष्य पर जिस तरह से निर्ममतापूर्वक सियासी बुल्डोजर चलायी गयी है; ख़ाकी वर्दीवाले गुण्डों ने अपशब्दों का बौछार करते हुए, नृशंसतापूर्वक महिला-पुरुष अभ्यर्थियों के हाथ-पैर तोड़े हैं; गैंडे की खालवाली शिक्षामन्त्री ने जिस तरह से चुप्पी साध ली है; योगी मूकदर्शक बने रहे हैं; उत्तरप्रदेश-शासन के निरंकुश आचरण से उद्विग्न-विक्षुब्ध होकर और ‘जायें तो जायें कहाँ’ के सियासी चक्रव्यूह से घिरकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने आत्महत्या की है, उन सभी की आह और संवेदना व्यर्थ नहीं जानेवाली।
मत भूलो! निस्सहाय, निरुपाय, निश्शक्त जनता की ‘हाय’ खा जायेगी।
(सर्वाधिकार सुरक्षित : डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, इलाहाबाद; ५ जनवरी, २०१९ ईसवी)