छद्म आइ० ए० एस०-अधिकारी पूजा खेडकर को नियुक्ति दिलाने मे नरेन्द्र मोदी का हाथ दिखता हुआ!..?

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अब रहस्य पर से पर्दा उठने लगा है। संघलोक सेवा आयोग ने आरोपित छद्म आइ० ए० एस-अधिकारी पूजा खेडकर को पूरी तरह से अयोग्य माना था; कैट ने भी उसके प्रपत्रोँ को ख़ारिज़ कर दिया था; अन्तत:, डी० ओ० पी० टी० (डिपार्टमेण्ट ऑव़ परसोनेल ट्रेनिंग) की ओर से पूजा खेडकर की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया गया। ज्ञातव्य है कि डी० ओ० पी० टी० प्रधानमन्त्री-कार्यालय के इशारे पर काम करता है। इससे ज़ाहिर होता है कि नरेन्द्र मोदी के इशारे पर उस कुपात्र युवती की नियुक्ति की गयी थी।

हाल ही मे संघलोक सेवा आयोग के अध्यक्षपद से त्यागपत्र देनेवाला मनोज सोनी नरेन्द्र मोदी का क़रीबी व्यक्ति है, जिसने पूजा खेडकर की साक्षात्कार-परीक्षा कराने के लिए पाँचसदस्यीय साक्षात्कार-मण्डल मे ख़ुद को शामिल कर रखा था। पूजा ने बताया भी था– मुझसे कोई अन्तरराष्ट्रीय और टेक्निकल प्रश्न नहीँ किये गये थे और जब मै उत्तर देती थी तब अध्यक्ष मदन सोनी ह्वेरी गुड कहते थे। उसने पूजा खेडकर को मौखिक परीक्षा मे सर्वाधिक अंक दिलाये थे। इससे पहले कि सारा राज़ सामने आ जाये, उस बेईमान अधिकारी ने त्यागपत्र दे दिया था। जब उस अधिकारी पर कोई दाग़ नहीँ था, फिर उसने अचानक अप्रत्याशित ढंग से त्याग
उल्लेखनीय है कि जाँच का दायित्व दिल्ली-पुलिस को सौँपा गया है, जो गृहमन्त्रालय (अमित शाह) के अन्तर्गत आती है। ऐसे मे, प्रश्न है, दिल्ली-पुलिस नरेन्द्र मोदी को अपराधी सिद्ध करने का साहस कर सकेगी? उत्तर भी प्रश्न मे ही निहित है– कदापि नहीँ। देश मे किसी स्तर के न्यायालय के किसी न्यायाधीश मे वह नैतिकता और न्यायबल नहीँ है, जो उक्त प्रकरण का स्वत: संज्ञान कर, नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध सुनवायी कर सके।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २९ जुलाई, २०२४ ईसवी।)