● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
हाल ही मे ‘व्यापमं’ की ओर से आयोजित ‘सब-इंस्पेक्टर-परीक्षा’, छत्तीसगढ़ के सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र मे नीचे दिये गये एक प्रश्न के उत्तर-विकल्प को लेकर इस समय अभ्यर्थी मुझसे लगातार फ़ोन-माध्यम से प्रश्न की विश्वसनीयता को लेकर प्रश्न कर रहे हैं; ‘ह्वाट्सऐप’-माध्यम से प्रश्न-प्रतिप्रश्न कर रहे हैं; क्योंकि उनका प्रश्न करना युक्ति-युक्त है।
इस परीक्षा के ७५ प्रतिशत प्रश्न मेरी पुस्तक ‘वस्तुनिष्ठ सामान्य हिन्दी’ से लिये गये हैं।
वास्तव मे, इस प्रश्न के सभी उत्तर-विकल्प ग़लत हैं; क्योंकि ‘कन्द-मूल-फल’ मूलत: ‘द्वन्द्व’ समास का उदाहरण है, जबकि उत्तर-विकल्प मे ‘द्वन्द्व-सहित उसके भेद’ भी दे दिये गये हैं। इस कारण से सभी उत्तर-विकल्प ग़लत हो जाते हैं।
वास्तव मे, प्रश्न होना चाहिए था :―
● ‘कन्द-मूल-फल’ मे द्वन्द्व समास का कौन-सा भेद है?
विकल्प के रूप मे अन्त मे ‘द्वन्द्व समास’ के स्थान पर ‘इनमे से कोई नहीं।’ कर दिया गया रहता।
अभ्यर्थियों की मुझसे बहुत अपेक्षा है। उनके इच्छानुसार मैने ‘व्यापमं-प्रमुख’ के नाम एक पत्र भी उन अभ्यर्थियों के पास सम्प्रेषित कर दिया है, जिसके आधार पर वे अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।
(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ६ फ़रवरी, २०२३ ईसवी।)