● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
यों तो इस चैम्पियनशिप-प्रतियोगिता मे भारत की अपराजेय प्रदर्शन रहा है; परन्तु चिर-प्रतिद्वन्द्वी पाकिस्तान के साथ किसी भी खेल की प्रतिस्पर्द्धा होती है तब उसका रोमांच एक अलग ही श्रेणी का होता है।
चेन्नै/चेन्नई के ‘मेयर राधाकृष्णन् स्टेडियम’ मे ९ अगस्त को लीग् चरण के आख़िरी मुक़ाबले के शुरू होते ही जिस तरह से भारत और पाकिस्तान-दल अपना-अपना प्रदर्शन कर रहे थे, तब यह कहना मुश्किल हो रहा था कि बाज़ी कौन जीतेगा। भारत और पाकिस्तान की आक्रामक पंक्ति के खेलाड़ियों ने जिस धारदार खेल का प्रदर्शन किया था, यदि उनका परिणाम ‘गोल’ होता तो भारत के पाकिस्तान के विरुद्ध १५ गोल होते और पाकिस्तान के भारत के ख़िलाफ़ ७ गोल; लेकिन यह सम्भावनामात्र है।
प्रथम चक्र के आरम्भ मे भारतीय खेलाड़ियों का पाकिस्तानी ‘डी’ के भीतर मिले ‘पास’ को गोल मे परिवर्त्तित न कर पाना और छोटे-छोटे पास का न देना, चिन्ता का विषय बनता जा रहा था। पाकिस्तानी आक्रामक पंक्ति की भी यही स्थिति थी। खेल के लगभग ५-६ मिनट-बाद भारतीय दल की आक्रामक और रक्षात्मक पंक्तियों ने पाकिस्तानी खेलाड़ियों की तुलना मे ‘इक्कीस’ का प्रदर्शन किया था, जिसके परिणामास्वरूप १५वें मिनट मे ‘पेनाल्टि कॉर्नर’ पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने ‘ड्रैग-फ़्लिक’ करके पहला गोल किया था और २३वें मिनट मे भी उन्होंने दूसरे ‘पेनाल्टि कॉर्नर’ को भी गोल मे बदल दिया था। इसप्रकार भारत खेल के दूसरे चक्र (३० मिनट) तक २-० से आगे रहा। तीसरे चक्र का खेल भी भारत के पक्ष मे जाता दिख रहा था। खेल के आरम्भ मे ही भारत को एक पेनाल्टि कॉर्नर मिल गया, जिसे हरमनप्रीत सिंह के स्थान पर तेज़-तर्रार युवा खिलाड़ी जुगराज सिंह ने ३६वें मिनट मे ज़मीन से लगा हुआ ‘शॉट’ लगाकर भारत के लिए तीसरा और अपने लिए पहला गोल किया था।
दोनो दल पूरे दमख़म के साथ प्रदर्शन कर रहे थे, तभी एक भारतीय खेलाड़ी के ‘डी’ के भीतर ‘फ़ाउल’ हो जाने से पाकिस्तान को एक ‘पेनाल्टि कॉर्नर’ मिला, जिसका वह लाभ नहीं ले सका।
चतुर्थ और अन्तिम चक्र मे भी दोनो दल उत्तम प्रदर्शन करते रहे। तभी नीलकान्ता ने गेंद को ‘मिड-फ़ील्ड’ से मन्दीप को ‘पास’ दिया था, जिसे उन्होंने आकाशदीप की ओर बढ़ा दिया था। इसप्रकार आकाशदीप ने भारत के लिए चौथा और अपने लिए पहला गोल कर, भारत को ४-० की अग्रता दिला दी थी।
मैच के ५९वें मिनट मे भारतीय खिलाड़ियों को अपना पाँचवाँ गोल करने का तब अवसर मिला था जब सेल्वम कीर्ति गोल करते-करते रह गये थे। भारतीय दल को कुल ५ पेनाल्टि कॉर्नर मिले थे, जिनमे से उसने ३ को गोल मे बदले थे, जबकि पाकिस्तानी दल मिले २ पेनाल्टि कॉर्नरों पर गोल न कर सका। इस प्रतियोगिता से बाहर हो जाने के बाद अब उसे पाँचवें स्थान के लिए चीन के साथ अपना प्रदर्शन करना होगा।
इस मैच को दोनो निर्णायकों के निर्णय शानदार थे, जिनमे एक भारतीय खेलाड़ी जुगराज सिंह को ‘हरा कार्ड’ दिखाकर २ मिनट के लिए खेलमैदान से बाहर कर दिया गया था, जबकि पाकिस्तान के कप्तान उमर भुट्टा को ‘पीला कार्ड’ दिखाते हुए, ५ मिनट के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
भारतीय दल ने अपनी अपराजेयता का ध्वज लहराते हुए, सौमनस्यपूर्ण वातावरण मे चर्चित पाकिस्तानी दल को ४-० से पराजित कर, ‘हीरो एशियाई चैम्पियनशिप’ से पाकिस्तान को बाहर कर दिया है। भारत अंकतालिका मे शीर्ष स्थान बना हुआ है।
‘हीरो ऑव द मैच एवार्ड’ भारत के कप्तान ‘हरमनप्रीत सिंह को दिया गया था; क्योंकि उन्होंने २ गोल किये थे और अपना प्रभावकारी प्रदर्शन भी किया था। उमर भुट्टा के नेतृत्व मे पाकिस्तान के युवा खेलाड़ियों ने शालीनता का परिचय देते हुए, शानदार प्रदर्शन किया था।
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के मध्य अब तक कुल १७९ मुक़ाबले हुए हैं, जिनमे से भारत ने ६५ और पाकिस्तान ने ८२ मैच जीते हैं तथा ३२ मैच अनिर्णित रहे हैं। ज्ञातव्य है कि दोनो ही दलों ने अब तक ३-३ बार ‘एशियाई चैम्पियन्स ट्रॉफ़ी’ जीती है।
अब भारत का सेमी फ़ाइनल मे जापान के साथ अगला मुक़ाबला ११ अगस्त को होगा।
(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ९ अगस्त, २०२३ ईसवी।)