बॉर्डर-गावस्कर-ट्रॉफ़ी– २०२४-२५ के चौथे क्रिकेट टेस्ट मैच मे भारत की बहुत बुरी पराजय!

मेलबोर्न (ऑस्ट्रेलिया) मे खेले गये चौथे टेस्ट मैच मे भारत के सारे दिग्गज खेलाड़ियोँ को आज (३० दिसम्बर) ऑस्ट्रेलियाई गेँदबाज़ोँ ने धराशायी कर दिया है। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय दल को १८४ रनो से धोते हुए, शृंखला मे २-१ की अग्रता ले ली है। दूसरी पारी मे भारतीय खेलाड़ी चार कैच छोड़ने मे अग्रणी रहे। यशस्वी जायसवाल ने तीन कैच छोड़े थे। प्रथम पारी मे भारतीय बल्लेबाज़ नीतीश कुमार रेड्डी के शतक और वेंकट सुन्दर के अर्द्ध शतक ने भारत को फॉलो-ऑन’ से बचा लिया था। दूसरी पारी मे यशस्वी जायसवाल और ऋषभ पन्त के अतिरिक्त शेष खेलाड़ी ऑस्ट्रेलियाई गेँदबाज़ोँ की धारदार और तेज़ गेँदबाज़ी के सम्मुख “आया राम-गया राम” की भूमिका मे दिखते रहे, जबकि पाँचवेँ दिन भारत के पास सात विकेट थे। दोनो ने १९७ गेँदोँ मे ८८ रन जोड़े थे। तीसरे अम्पायर ने यशस्वी को ग़लत तरीक़े से आउट कराया था।

भारतीय तीव्र गेँदबाज़ी शानदार थी। सारे गेँदबाज़ ऑस्ट्रेलिया पर भारी पड़ रहे थे। प्रमुख गेँदबाज़ जसप्रीत बुमराह, मो० सिराज एवं आकाशदीप ने अपनी सारी ताक़त झोँक दी थी, जिस पर भारतीय बल्लेबाज़ोँ ने पानी फेर दिया था। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी मे २३४ और भारत ने १५५ रन बनाये थे। उल्लेखनीय है कि पहला मैच भारत ने और दूसरा मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीता था, जबकि तीसरा मैच अनिर्णीत रहा तथा चौथे मैच का परिणाम ऑस्ट्रेलिया के पक्ष मे गया। भारत के ऑलराउण्डर नीतीशकुमार रेड्डी से गेंदबाज़ी न कराना तथा पहली पारी मे मो० सिराज से बहुत कम गेँदबाज़ी कराना, रोहित शर्मा की कप्तानी पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और बड़बोले तथा ऑस्ट्रेलिया मे अपने कुकृत्योँ से भारत को अपमानित करनेवाले विराट कोहली के बेहद घटिया स्तर के प्रदर्शन ने यह निष्कर्ष उपस्थित कर दिया है कि अब दोनो को अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए। पाँचवाँ और अन्तिम मैच सिडनी मे होगा; परन्तु अब ऑस्ट्रेलिया पराजित नहीँ होगा। भारत को अगला मैच जीतना ही होगा।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ३० दिसम्बर, २०२४ ईसवी।)